श्री वरकाना तीर्थ स्थल 52 जिनालय ध्वजा वर्षगांठ महोत्सव आचार्य गुरुभगवंत चन्द्रानन सागर सूरीश्वर जी म. सा. आदि ठाणा, आचार्य गुरुभगवंत संत चिदानंद सूरीश्वर म. सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा में वरकाना तीर्थ स्थल प्रांगण में संपन्न हुआ।
जिसमें ध्वजा के 52 लाभार्थी परिवार के साथ जैन समाज के गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे। ट्रस्ट मंडल के ट्रस्टी नरेन्द्र परमार ने बताया कि आचार्य गुरुदेव का सोमैया के साथ ढोल बाजे के साथ वरकाना बस स्टैंड से सैकड़ों की संख्या में समाज बंधुओं ने स्वागत करते हुए प्रवेश हुआ। आचार्य चंद्रानन सूरीजी के मांगलिक के साथ वार्षिक चढ़ावे की शुरुआत हुई। वार्षिक चढ़ावे ऐतिहासिक रहे।
चढ़ावे में समाज के सदस्य बंधुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आचार्य गुरुदेव ने अपने प्रवचन में समाज को अपनी मातृ भूमि से जुड़ने का निवेदन किया। साथ ही समाज के सदस्यों से गांव में संगठित होकर एक राह पर चलने का आह्वान किया। वल्लभ गुरू का प्रभाव पूरे गोडवाड़ और राष्ट्र में है।
हम सभी आचार्य उन्हीं की राह में एक डोर में से बंधकर समाज को संगठित और गुरुदेव के आदर्शों पर चलने पर तत्पर हैं एवं सभी आचार्य एवंसाधु साध्वी भगवंत हमारे सम्माननीय हैं। आचार्य चिदानंद म. सा. ने आचार्य चंद्रानन म. सा. के विचारों से सहमति जाहिर की एवं सबको संगठित होने का निवेदन किया।
ट्रस्ट मंडल अध्यक्ष रमेश कोठारी ने आचार्य देव के ट्रस्ट मंडल को आशीर्वाद प्रदान करने पर आभार प्रकट किया एवं सभी ध्वजार्थी ट्रस्ट सदस्य बंधुओं एवं लाभार्थी परिवार का आभार प्रकट किया। मंडल अध्यक्ष रमेश कोठारी के नेतृत्व में ट्रस्टी सुकन परमार, बस्तीमल, अशोक तापड़िया, सिद्धराज लोढ़ा, अशोक पारेख, प्रवीण मेहता, अनिल खिमावत, कपूर बलदोता, छगनराज, भरत कोठारी, दिलीप जैन, विमल सालेचा, अमृतलाल, दीपचंद, मुकेश जैन, निर्मल ढालेरिया, प्रकाश चौपड़ा एवं समाज के प्रवीण लुणिया, जुगराज पुनमिया, राहुल जैन, दिनेश मंडलेशा, भंवर जगावत, रणवीर गेमावत, जगदीश मेहता, अशोक पुनमिया, मदन कितावत एवं गणमान्य सदस्य बंधुओं सहित मातृ शक्ति की उपस्थिति रही।