78th Independence Day : PM नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 11वीं बार फहराया तिरंगा, बोले – ‘हम बुद्ध का देश हैं’

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भारत में आज 78वां स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लाल किला पर तिरंगा फहराया है। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराया। इस दौरान ने स्वदेशी हेलिकॉप्टर्स पुष्प वर्षा की। इस अवसर पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं समेत 6 हजार खास मेहमान भी उपस्थित रहे। झंडा फहराने के बाद पीएम ने देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, देश के विकास, महिला सुरक्षा, विकसित भारत, UCC को लेकर बातें कही।

ये देश आजादी के दीवानों ऋणी है : PM मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी की तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे हैं। आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश उनका ऋणी है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं।’

जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं। जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों…वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी। वो एक समय था, जब लोग देश के लिए मर-मिटने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज का समय, देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है, तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता ‘समृद्ध भारत’ भी बना सकती है।’

‘विकसित भारत-2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने ‘विकसित भारत-2047′ के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। मेरे देश के सामान्य नागरिकों ने हमें अमूल्य सुझाव दिए हैं। मैं समझता हूं, जब देशवासियों की इतनी विशाल सोच हो, उनके इतने बड़े सपने हों, देशवासियों की बातों में जब संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया दृढ़ संकल्प बन जाता है, हमारे मन में आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।’

हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। इसलिए मैं आज कह सकता हूं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है। हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक रिफॉर्म किए। आज उसके कारण हमारे बैंक विश्व के अग्रणी बैंकों में अपना स्थान बना चुके हैं। जब बैंक मजबूत होते हैं, तो फॉर्मल इकोनॉमी की ताकत भी बढ़ती है।’

हमारा एक ही संकल्प होता है ‘Nation First’ : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। लेकिन हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला। आज सरकार खुद लाभार्थी के पास जाती है। आज सरकार खुद उसके घर तक गैस का चूल्हा, पानी, बिजली और आर्थिक मदद पहुंचाती है। आज सरकार खुद नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए अनेक कदम उठा रही है। हमारा एक ही संकल्प होता है ‘Nation First’। मेरा भारत महान बने, इसी संकल्प को लेकर हम कदम उठाते हैं।’

हम सदियों की बेड़ियों को तोड़कर निकले हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हम सदियों की बेड़ियों को तोड़कर निकले हैं। आज पर्यटन क्षेत्र हो, MSMEs सेक्टर हो, शिक्षा हो, ट्रांसपोर्ट सेक्टर हो, खेल सेक्टर हो या खेती-किसानी का सेक्टर हो, हर क्षेत्र में एक नया आधुनिक सिस्टम बन रहा है। हमारे सारे अवरोध हटें, हमारी बंदिशें दूर हों, हम पूरे सामर्थ्य के साथ चल पड़ें, खिल उठें, सपनों को पाकर रहे, सिद्धि को अपने निकट देखें और उसे आत्मसात करने की दिशा में हम चलें।’ पीएम ने कहा, ‘अब हमने SHGs को 10 लाख से 20 लाख रुपये देने का निर्णय किया है। अब तक 9 लाख करोड़ रुपये बैंकों के माध्यम से हमारे इन महिला SHGs को मिले हैं। जिसकी मदद से वो अपने अनेक वित्तीय कामों को बढ़ा रहे हैं। जब नीति सही होती है, नीयत सही होती है और पूर्ण समर्पण के साथ राष्ट्र कल्याण का मंत्र होता है, तो निश्चित परिणाम हम प्राप्त करके रहते हैं।’

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज देश में नए अवसर बने हैं, तो मैं कह सकता हूं कि 2 चीजें और हुई हैं, जिन्होंने विकास को एक नई गति दी है, वो हैं – आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण – हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में बहुत बड़े कदम उठाए हैं। दूसरी तरफ ईजी ऑफ लिविंग के हमारे सपने पर भी हमने उतना ही बल दिया है। लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। जब लाल किले से कहा जाता है, देश के 18,000 गांव में समय सीमा में बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है, तो (लोगों का) भरोसा और मजबूत हो जाता है।’

हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘सदियों से हमारे पास जो क्रिमिनल लॉ थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में ‘दंड नहीं, नागरिक को न्याय’ के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ईजी ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए।’

आज देश में करीब 3 लाख संस्थाएं काम कर रही हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज देश में करीब 3 लाख संस्थाएं काम कर रही हैं। चाहे वो पंचायत हो, नगर पंचायत हो, नगर पालिका हो, महानगर पालिका हो, UT हो, राज्य हो, जिला हो। मैं अपनी इन 3 लाख इकाइयों से आह्वान करता हूं कि आप साल में अपने स्तर पर सामान्य मानवी के लिए 2 रिफॉर्म करें और उसको जमीन पर उतारें।’

आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारे देश का नौजवान नई सिद्धियों को चूमना चाहता है, नए-नए शिखरों पर कदम रखना चाहता है। इसलिए हमारी कोशिश है कि हर सेक्टर में हो रहे कार्य को हम तेज गति दें और उसके द्वारा पहले हम नए अवसर पैदा करें और दूसरा इन बदलती हुई व्यवस्थाओं के लिए जो सपोर्टिव इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, उस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने का काम करें और तीसरा काम है नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं को हम प्राथमिकता और बल दे। मुझे विश्वास है कि भारत की दिशा सही है, भारत की गति तेज है और भारत के सपनों में सामर्थ्य है। लेकिन इन सबके साथ संवेदनशीलता का हमारा मार्ग हमारे लिए ऊर्जामय नई चेतना भरता है।’

देश के नौजवानों को विदेश न जाना पड़े : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हम देश में ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करना चाहते हैं कि मेरे देश के नौजवानों को विदेश न जाना पड़े, मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों-करोड़ रुपये खर्च न करने पड़ें। हम यहां ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहते हैं जहां विदेशों से लोग भारत आएं।’

नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘अभी-अभी हमने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया है। नालंदा विश्वविद्यालय ने फिर एक बार काम करना शुरू कर दिया है। लेकिम हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर एक बार सदियों पुराने उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उस नालंदा स्पिरिट को जीना होगा, हमें उस नालंदा स्पिरिट को लेकर बड़े विश्वास के साथ विश्व के ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा।’

किसानों को आसान ऋण दे रहे हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी कृषि व्यवस्था को ट्रांसफॉर्म करना समय की मांग है और ये बहुत जरूरी भी है। हमारे किसानों को इसके लिए हम मदद भी दे रहे हैं। किसानों को आसान ऋण दे रहे हैं, टेक्नोलॉजी की मदद दे रहे हैं, किसान जो पैदावार करता है उसके वैल्यू एडिशन का काम भी हम कर रहे हैं। इस बार बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ी योजनाओं के साथ बहुत बड़ा प्रावधान किया है। आज विश्व के लिए ऑर्गेनिक फूड का अगर कोई फूड बास्केट बन सकता है, तो वो मेरा देश बन सकता है, जिसे हमारे किसान बना सकते हैं।’

हर जगह देख रहे हैं महिलाओं का दमखम : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते वर्षों में वुमन लेड डेवलपमेंट मॉडल पर हमने काम किया है। इनोवेशन हो, एंटरप्रेन्योरशिप हो, हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं, महिलाएं नेतृत्व दे रही हैं। हमारी वायुसेना हो, आर्मी हो, नौसेना हो या हमारा स्पेस सेक्टर हो, हर जगह हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं।’

राक्षसी कृत्य करने वालों को कड़ी सजा हो : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।’

हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।’ पीएम ने कहा, ‘हमारी आदत हो गई थी कि रक्षा बजट कितना ही क्यों न हो, लेकिन कभी कोई ये नहीं सोचता था कि ये जाता कहां है? रक्षा बजट विदेशों से खरीदी में चला जाता था। अब हम चाहते हैं कि हम आत्मनिर्भर बने। चुनौतियां हैं, भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।’

हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। मैं जानता हूं, इसकी कीमत मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को चुकानी पड़ती है। लेकिन राष्ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती और राष्ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता।इसलिए ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।’

देश में सेक्युलर सिविल कोड हो : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। क्योंकि देश का बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे है है, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। मैं मानता हूं इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए। और जो धर्म के आधार पर देश को बांटते है, ऊंच-नीच का कारण बन जाते है, उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में सेक्युलर सिविल कोड हो।’

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