हिंदी दिवस पर PM Narendra Modi और Amit Shah ने दी शुभकामनाएं

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आज हिंदी दिवस है। देशभर में हिंदी दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने देशवासियों हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ट्वीट किया, ‘सभी देशवासियों को हिन्दी दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं।’

वही, गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘समस्त देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। सभी भारतीय भाषाएँ हमारा गौरव भी हैं और विरासत भी, जिन्हें समृद्ध किये बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते। राजभाषा हिंदी का हर भारतीय भाषा के साथ अटूट रिश्ता है। इस साल हिंदी भाषा ने देश की राजभाषा के रूप में जनसंवाद व राष्ट्रीय एकता के 75 वर्ष पूरे किए हैं। मुझे विश्वास है कि सभी भारतीय भाषाओं को एक साथ लेकर राजभाषा हिंदी विकसित भारत के संकल्प को चरितार्थ करने की दिशा में निरंतर अपना योगदान देती रहेगी।’

अमित शाह ने देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए एक खास वीडियो संदेश जारी किया है। वीडियो में शाह ने कहा, ‘इस वर्ष का हिंदी दिवस हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 14 सितंबर 1946 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसका 75 वां साल पूरा हो रहा है और हम सब इस वर्ष राजभाषा की हीरक जयंती मनाने जा रहे है। हिंदी राजभाषा और हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है।’

गृह मंत्री शाह ने आगे कहा, ‘हिंदी ने कई उतार-चढ़ाव देखे है। परंतु आज मैं इस मकाम खड़े रहकर निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हिंदी और स्थानीय भाषा के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। एक-दूसरे के पुरख है। चाहे वह गुजरती हो, मराठी हो, तेलगु हो, मलयालम हो, तमिल हो या बांग्ला, हर भाषा हिंदी को मजबूती देती है और हिंदी हर भाषा को मजबूती देती है।’

शाह ने आगे कहा, ‘हिंदी के आंदोलन को ध्यान से देखेंगे तो चाहे राजगोपालाचारी हो, महात्मा गांधी हो, सरदार बल्लभभाई पटेल हो, लाला लाजपत राय हो, नेताजी सुभाष चंद्र बोस या आचार्य कृपलानी, ये सभी एक प्रकार से नॉन भाषित क्षेत्रों से आते थे और जो समिति बनाई गई वो समिति श्री अयंगर और के. एम. मुंशी के नेतृत्व में बनाई गयी थी। हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता देना और हिंदी और बाकी सभी भाषाओं को ताकत देने का रिपोर्ट संविधान सभा के सामने रखा था। दोनों नेता नॉन हिंदी भाषित क्षेत्र से आते है।’

अमित शाह ने आगे कहा, ‘विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हिंदी और स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए बहुत काम हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचो पर हिंदी में भाषण देकर दुनिया के सामने हिंदी के महत्त्व को रखा है और हमारे देश में अपने भाषाओं के प्रति रूचि भी बढ़ाई है। 10 साल में हमने कई स्थानीय भाषाओं को मजबूती देने के लिए बहुत प्रयास किया है। आने वाले दिनों में राजभाषा विभाग 8वीं अनुसूची की सभी भाषाओं में हिंदी से अनुवाद के लिए एक पोर्टल भी ला रहा है, जिसके जरिये पत्र हो या भाषण, हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का उपयोग करके बहुत ही कम समय में उसका सभी भाषाओं में अनुवाद कर सकेंगे।’

बता दे कि हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को हिंदी को औपचारिक भाषा का दर्जा दिया गया था। साल 1953 में, पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया था। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व और प्रसार को बढ़ावा देना था। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था।

आपको बता दे, भारत के लिए हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है। इस बार हिंदी दिवस का आयोजन बेहद खास होने वाला है, क्योंकि हिंदी के राजभाषा के रूप में 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं।

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