
Pali। कभी पाली शहर की गलियों में स्कूल जाते एक सामान्य विद्यार्थी की आंखों में जो सपना था, आज वह राष्ट्रपति भवन तक गूंज बनकर पहुँचा है। पाली के पानी दरवाजा स्थित चेतना होटल के कृष्ण कुमार अरोड़ा के पुत्र डॉ. कार्तिक अरोड़ा ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान एम्स गोरखपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण कर अपने शानदार प्रदर्शन के चलते भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों दो गोल्ड मेडल प्राप्त कर पाली जिले, मारवाड़ और सम्पूर्ण राजस्थान को गौरवांवित कर दिया है।
पाली से शुरू हुआ सफर, बना प्रेरणा की मिसाल
पाली शहर के मध्य स्थित सेंट पॉल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉ. कार्तिक अरोड़ा ने कक्षा 10वीं में 10 CGPA और कक्षा 12वीं (एम एस कवाड़ स्कूल, पाली) में 93% अंक अर्जित कर यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी उड़ान बड़ी है। उनके पिता चेतना होटल जैसे वर्षों पुराने प्रतिष्ठान के संचालक हैं और मां गायत्री अरोड़ा एक गृहिणी हैं। बड़े भाई वैभव अरोड़ा एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जिनके इंस्टाग्राम पर 20 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।
डॉ. कार्तिक बताते हैं, “हमारे परिवार में कोई डॉक्टर नहीं था, लेकिन मैंने बचपन से ही डॉक्टरों को लोगों की सेवा करते देखा और उसी प्रेरणा ने मुझे इस राह पर चलाया।” उन्होंने यह भी बताया कि नीट की तैयारी के दौरान वे अपने नाना, मामा और मामी के साथ रहे, जिनका योगदान उनके जीवन में बेहद अहम रहा। डॉ. कार्तिक ने अपने मम्मी-पापा गायत्री अरोड़ा व कृष्ण कुमार अरोड़ा को अपना गोल्ड मेडल पहनाया।
गौरव के पल: दो गोल्ड मेडल और ऑल इंडिया रैंक 25
- एम्स गोरखपुर से एमबीबीएस में संस्थान का सर्वोच्च गोल्ड मेडल
- जनरल मेडिसिन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चरक गोल्ड मेडल
देशभर की प्रतिष्ठित परीक्षा INICET AIIMS 2025 में All India Rank 25 प्राप्त कर टॉप पर स्थान बनाया
इन तमाम उपलब्धियों पर उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा एम्स गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह में विशेष रूप से मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सांसद रविकिशन शुक्ल और एम्स के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। समारोह में देशभर के सिर्फ 8 छात्रों को कुल 9 गोल्ड मेडल दिए गए, जिनमें से दो मेडल पाली के इस बेटे ने अपने नाम किए।
पाली के लिए बना गौरव का क्षण
पाली शहर को यह उपलब्धि विशेष इसलिए भी महसूस हुई क्योंकि कार्तिक न सिर्फ एक सामान्य व्यापारी परिवार से हैं, बल्कि उन्होंने संसाधनों की सीमाओं के बावजूद देश के सर्वोच्च चिकित्सा मंच पर अपनी पहचान बनाई। पाली का नाम उस दिन राष्ट्रीय पटल पर चमक उठा, जब मंच से राष्ट्रपति के शब्दों में एक पंक्ति आई – “चिकित्सा देश सेवा का माध्यम है और ऐसे समर्पित युवा भारत की असली पूंजी हैं।”
रेडियोलॉजी में विशेषज्ञता की इच्छा, सेवा की भावना
अब डॉ. कार्तिक रेडियोलॉजी में विशेषज्ञ बनने की ओर अग्रसर हैं और चाहते हैं कि वे न सिर्फ बड़े शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी सेवा दें। उनका मानना है कि, “स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है और हर व्यक्ति को बेहतर इलाज का अधिकार मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से क्यों न हो।”
प्रेरणा की कहानी, आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश
डॉ. कार्तिक की सफलता उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों में रहते हुए बड़े सपने देखने का साहस करते हैं। पाली जैसे शहर से निकलकर जब कोई विद्यार्थी राष्ट्र स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराता है, तो यह संपूर्ण क्षेत्र की प्रतिष्ठा बढ़ जाती है। पालीवासियों, अरोड़ा समाज और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति के लिए यह एक गौरवशाली क्षण है।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी