सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और जैविक किसान एम. पप्पाम्मल (उर्फ रंगम्मल) (Pappammal) का शुक्रवार (27 सितंबर, 2024) रात 109 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन कोयंबटूर जिले के थेक्कमपट्टी गांव में हुआ। वह उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थीं। बता दे कि पप्पाम्मल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शोक व्यक्त किया है।
पीएम मोदी अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ”पप्पाम्मल जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। उन्होंने कृषि, विशेष रूप से जैविक खेती में अपनी छाप छोड़ी। लोग उनकी विनम्रता और दयालु स्वभाव के लिए उनकी प्रशंसा करते थे। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं। ओम शांति।”
Deeply pained by the passing away of Pappammal Ji. She made a mark in agriculture, especially organic farming. People admired her for her humility and kind nature. My thoughts are with her family and well wishers. Om Shanti. pic.twitter.com/3JR9LqlMmB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2024
सीएम एमके स्टालिन ने जताया दुख
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पप्पाम्मल के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, मुझे ऐसा लग रहा है कि ”मैंने अपने परिवार के किसी सदस्य को खो दिया है।” DMK से अपने जुड़ाव को याद करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि पप्पाम्मल ने हिंदी विरोधी प्रदर्शनों से लेकर हाल ही में नीट के खिलाफ हुए आंदोलनों में भाग लिया है।
கழக முன்னோடியும் – கடந்த 17-ஆம் நாள் நடைபெற்ற முப்பெரும் விழாவில் பெரியார் விருது பெற்றவருமான திருமிகு. பாப்பம்மாள் அவர்கள் 108 அகவையில் மறைவெய்தினார் என்ற துயரச் செய்தியறிந்து கலங்கினேன்.
பேரறிஞர் அண்ணா அவர்கள் மீதும் – முத்தமிழறிஞர் கலைஞர் அவர்கள் மீதும் பற்றுக் கொண்டு, கழகம்… pic.twitter.com/All9B8jVgt
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 27, 2024
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित
बता दे कि पप्पम्मल मार्च 2023 में पप्पाम्मल वैश्विक बाजरा सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आईं थीं, जहां उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने पप्पाम्मल के पैरों में गिरकर उनका आशीर्वाद लिया। आपको बता दे, 2021 में, भारत सरकार ने उन्हें जैविक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।
बता दे, जैविक किसान पप्पाम्मल को कृषि क्षेत्र में अग्रणी माना जाता था और उन्होंने तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम किया। पप्पाम्मल ने अपनी अंतिम सांस तक कृषि क्षेत्रों में कार्य किया। पप्पाम्मल को सबसे उम्रदराज किसान माना जाता था। कहा जाता है कि पप्पाम्मल 100 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी गांव में खेतों में काम करती थीं।