
Bhilwara। जिला प्रशासन द्वारा भीलवाड़ा नगर निगम से सटी 8 ग्राम पंचायतों व 24 गांवों को भीलवाड़ा नगर निगम में जोड़ने का विरोध कर सरपंचों व ग्रामीणों ने बुधवार (11 मार्च, 2025) को जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज कराया। ज्ञापन मे बताया गया की इन ग्राम पंचायतों की स्वायत्ता खत्मकर नगर निगम में जोड़ने के प्रस्ताव का गांवों में भारी आक्रोश है। इन ग्राम पंचायतों को नगर से जोड़ा जाता है तो ग्रामीण जो कि अपना जीवनयापन खेती बाड़ी व पशुपालन करके करते है। गोचर भूमि निगम में आने के बाद समाप्त हो जायेगी, पशु-पालन मुश्किल हो जायगा।
ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए शहर में आना पड़ेगा, जिसे इनकी मुश्किलें बढ़ जायेगी। सरपंच संघ सुवाणा के अध्यक्ष अमित चौधरी ने बताया कि गांवों में अभी भी कम पढ़े-लिखे लोग रहते है, ये लोग नगर निगम जाकर अपना काम कराने की स्थिति में नहीं है। इन पंचायतों में 80 प्रतिशत किसान व मजदूर लोग रहते है। इनके व्यक्तिगत काम के लिये इनको नगर निगम में चक्कर लगाने पड़ेगें जो कि इन गावों से काफी दूर है और काम के चक्कर में दलालों का बोल बाला हो जायेगा, गांवों की गोचर भूमि समाप्त हो जायेगी।
इस अवसर पर आरजिया सरपंच पूर्णिमा कंवर, पंचायत समिति सदस्य गोपाल गुर्जर मालोला, पालड़ी सरपंच गोपाल जाट, हलेड़ सरपंच लाड देवी आचार्य, गठिलाखेड़ा सरपंच रेखा बलाई, आटूण के पूर्व सरपंच कन्हैयालाल सनाढ्य, आरजिया के पूर्व सरपंच राजेन्द्र सिंह, पांसल के पूर्व सरपंच बद्रीलाल जाट, आटूण सरपंच पप्पू जाट, क्रय-विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष मुकेश पालीवाल, बड़ा महुआ सरपंच बद्रीलाल जाट, रूपाहेली सरपंच गीता देवी जाट, सुवाणा उपसरपंच सांवरलाल बलाई, एडवोकेट भैरूलाल बैरवा, मोहन लाल जाट, रिंकू जाट, नवीन सोनी, लालचन्द सेन, शिवराज वैष्णव, संजय जाट, दिनेश ओड़, करण गाडरी, रूस्तम शेख, गणेश आरजिया सहित प्रभावित पंचायतों के 24 गांवों के प्रतिनिधि शामिल थे।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल