भीलवाड़ा। शास्त्रीनगर अहिंसा भवन में अक्षय तृतीया पर वर्षीतप करने वाले तपस्वियों और श्रृद्वालूओ को महासती मधुकंवर ने धर्मसभा में सम्बोधित करते हुये कहा कि मनुष्य जीवन मे आनन्द तभी ले सकता है जब वह मर्यादा मे रहकर अपनी इच्छाओं पर अंकुश लगा लेगा तो जीवन मे सुख प्राप्त करके अपनी आत्मा को पवित्र बनाकर संसार सागर से कर्म बंधन से मुक्ति दिलवा पाएगा। डॉ.चिंतनश्री ने कहा कि जो व्यक्ति इच्छाओगे के गुलाम हो जाता है वो जीवन मे सुख नही दुखः प्राप्त करता है।
इस दौरान उपप्रवर्तनी मैनाकंवर ने साध्वी ज्योति प्रभा, साध्वी रूचीका एवं वर्षीतप करने वाले साधक-साधिकाओ के तप की अनूमोदना और महामंगल प्रदान करते हुये कहा कि मन पर जो व्यक्ति कन्ट्रोल और लगाम लेता है तो वह संसार के समस्त दुखों से छुटकारा प्राप्त कर अपनी आत्मा को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलवा पाएगा।
आयोजित धर्मसभा मे अहिंसा भवन मुख्य मार्गदर्शक अशोक पोखरना हेमन्त आंचलिया, अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल, सुशील चपलोत, दिनेश मेहता, शांतिलाल कांकरिया, हेमन्त बाबेल, अमरसिंह संचेती, जसंवत डागलिया, पारस कोठारी, जितेश चपलोत, सुंदर बापना तथा चंदनबाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, उमा आंचलिया, रजनी सिंघवी, सुनीता झामण, मंजू बापना, संतोष सिंघवी, कमला चैधरी, सरोज मेहता, अन्नू बापना आदि सभी ने धर्मसभा मे पधारें अतिर्थियो का बहूमान किया और वर्षीतप की आराधना करने वाले सभी तपस्वीयों के तप की सामूहिक अनूमोदना की।
उषा, रेश्मा, प्रियंका बाबेल तथा आशा जैन आदि तरफ से सभी श्रध्दालूओ को प्रभावना प्रदान की गई। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने जानकारी देते हुये बताया दोपहर वर्षीतप के उपलक्ष्य में चैबीसी का आयोजन रखा गया जिसमे सैकड़ों महिलाओं भाग लिया।