भारतीय डाक के महाराष्ट्र सर्किल द्वारा मुंबई पत्र महोत्सव के दूसरे सत्र “पत्र उत्सव 2.0” का सफल आयोजन किया गया। यह हस्तलिखित पत्रों की चिरकालिक परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई एक अनूठी पहल है। यह कार्यक्रम आज मुंबई जीपीओ के वितरण हॉल में संपन्न हुआ।
इस वर्ष के उत्सव में कई रोमांचकारी गतिविधियां की गईं जैसे कि पत्र लेखन, अच्युत पालव स्कूल ऑफ़ कैलीग्राफी द्वारा कैलीग्राफी पर एक कार्यशाला और कई महत्वपूर्ण विमोचन जिसमें पत्र उत्सव 2024 पर एक विशेष कैंसलेशन, विशेष स्लोगन कैंसलेशन, महापेक्स 2025 के शुभंकर “शेकरू” का अनावरण और शुभंकर पर एक पुस्तिका का अनावरण भी शामिल है।
इस समारोह में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार मधु मंगेश कार्णिक, भारतीय डाक विभाग की सदस्य (प्रचालन) मंजू कुमार, प्रख्यात फिल्म निर्माता शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर, महाराष्ट्र सर्किल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अमिताभ सिंह, मुंबई क्षेत्र की पोस्टमास्टर जनरल सुचिता जोशी, महाराष्ट्र सर्किल के निदेशक डाक सेवाएं (मुख्यालय) अभिजीत बनसोडे और मुंबई क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं डॉ. अजिंक्य काले जैसे कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर “लेखन का आनंद; डिजिटल युग में पत्रों का महत्व” विषय पर मुंबई शहर और उपनगर के विभिन्न स्कूलों के लगभग 200 छात्रों ने पत्र लिखे और पत्र लेखन सत्र के बाद छात्रों ने अच्युत पालव स्कूल ऑफ कैलीग्राफी के शिक्षकों द्वारा आयोजित कैलीग्राफी पर एक संक्षिप्त कार्यशाला में भी भाग लिया।
इस उत्सव का उद्देश्य हस्तलिखित पत्रों के माध्यम से विकसित हुए भावनात्मक और व्यक्तिगत संबंधों को फिर से जगाना था । डिजिटल संचार के युग में भारतीय डाक युवाओं को हस्तलिखित पत्राचार के भावनात्मक मूल्य, उसकी पुरानी यादों और कलात्मकता की ध्यान दिलाने का लगातार प्रयास करता है।