
पिंडवाड़ा। समाज का हर वर्ग योग (Yoga) अभ्यास से परिचित है। आश्चर्य की बात यह है कि योग को केवल लोग केवल चिकित्सा के नाम से जानते हैं, जबकि यह विश्व की सबसे प्राचीनतम विद्या है, जब से मानव की उत्पत्ति हुई है तब से योग चल रहा है। यह चेतना के स्तर को उच्चतम स्तर पर ले जाने की विधा है। चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो या अन्य हर क्षेत्र में योग का महत्व है। योग व्यक्ति के शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है। इसने योग के चार व्यापक वर्गीकरणों को जन्म दिया है। कर्म योग, जहाँ हम शरीर का उपयोग करते हैं। भक्ति योग, जहाँ हम भावनाओं का उपयोग करते हैं। ज्ञान योग जहाँ हम मन और बुद्धि का उपयोग करते है और क्रिया योग, जहाँ हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
आज यानी कि शोध से यह सिद्ध हो चुका है कि योग के द्वारा व्यक्ति का समग्र विकास होता है , इसी लक्ष्य को लेकर माधव विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों को योग विद्या व इसके लाभों से परिचित करवाया जा रहा है। विद्यार्थी योग से कक्षा में स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए योग वीडियो के साथ-साथ भावना तक संतुलन सकारात्मक चिंतन व्यवहार कुशलता जैसे विश्वास संबंधी जानकारी प्राप्त करते हैं। योग प्राकृतिक चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉक्टर अनिल योगी ने जानकारी देकर बताया कि जहां जीवन है वही योग है और जहां योग है वही जीवन है विद्यार्थियों ने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित तौर पर योग अभ्यास करना चाहिए इससे इनमें एकाग्रता स्मृति का विकास होता है तथा कठिन परिस्थितियों में सामना करने हेतु और जरूरी ताकत भी प्राप्त होती है।
डॉक्टर योगी ने बताया कि आज युवाओं में बढ़ते तनाव समय प्रबंधन की कमी मोबाइल लत भविष्य की चिंता आदि से छुटकारा दिलवाने में योग का महत्व है। माधव विश्वविद्यालय में योग से संबंधित अन्य को प्रकार की योग वर्तमान में संचालित किया जा रहे हैं तथा प्रतिदिन योगाभ्यास विद्यार्थियों के साथ-साथ स्टाफ को भी करवाया जा रहा है।
रिपोर्ट – विक्रम राजपुरोहित पिंडवाड़ा