
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर (Jaisalmer) के अध्यक्ष ओमी पुरोहित, जिला एवं सेशन न्यायाधीश के निर्देशन में राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर सचिव किशोर कुमार तालेपा की अध्यक्षता में इमानुअल मिशन सीनियर सैकण्डरी स्कूल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल मदनसिंह सोढा, असिस्टंेट लीगल एड डिफेंस काउंसिल शिप्रा सांडिल्य, विद्यालय के संस्थापक व अध्यक्ष रेव. सैमुअल वी.ए. तथा अध्यापकगण उपस्थित रहे। शिविर में सचिव ने विद्यार्थियों को बताया कि हर वर्ष हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जन्मदिवस की स्मृति में 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि नेहरूजी का मानना था कि एक सशक्त राष्ट्र वही होता है जहां बच्चों को प्यार, शिक्षा और समान अवसर मिलते हैं। उन्होंने बताया कि 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बालक को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रत्येक व्यक्ति को जिसमें बालक भी सम्मिलित है जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया गया है। उन्होंने विद्यार्थियांे को उनके अधिकारों, बाल संरक्षण कानूनों, यौन उत्पीडन एवं दुराचार से बचाव व बच्चों की हैल्पलाईन 1098 संबंधी जानकारियां प्रदान की। बालकों के मध्य विधिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों की विधिक जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। शिविर मंे असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल शिप्रा सांडिल्य ने बाल दिवस का महत्व बताते हुए स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रेरणादायी शब्दों को उद्धत किया कि ‘‘आज के बच्चे ही कल का भारत बनाऐंगे‘‘। उन्होंने शिविर में विधिक सेवा संस्थाओं के कार्यकलापों के बारे में बताते हुए विधिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया व पात्रता, मध्यस्थता संबंधी प्रावधान, नालसा के हैल्पलाईन नम्बर 15100 व लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निस्तारण के लाभ इत्यादि के बारे में आम भाषा में सरल रूप से जानकारियां प्रदान की। इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापक व अध्यक्ष रेव. सैमुअल वी.ए. ने अतिथियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियांे का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बाल दिवस पर आयोजित विधिक जागरूकता शिविर बच्चों के भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी पहल है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे ऐसे कार्यक्रम बच्चों को अपने अधिकारों के प्रति सजग और सुरक्षित बनाते है।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
