
Jaisalmer। वन्यजीव प्रेमी सुमेरसिंह भाटी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सांवता में दक्षिण और पूर्व दिशा से उड़कर आने वाले इंडियन कोर्सर पक्षी दिखाई दिए हैं। इन पक्षियों का घोसला पथरीली सतह पर बिना किसी घासफूस के बना हुआ है। इसके अंडे का रंग जैसलमेर की पथरीली जगहों विशेषकर गोल पत्थरों जिन्हें स्थानीय बोली में गैंगचिया और सरकारी भाषा में पी ग्रेवल कहते हैं, जैसा होता है। भाटी ने बताया कि मानसून से पहले घास के मैदानों और नदी किनारे के खुले मैदानों का यह पक्षी दक्षिण व पूर्व दिशा से जैसलमेर में आकर प्रजनन करता है। उन्हें बड़ा करता है और मानसून के चले जाने के बाद नए जन्में सदस्यों के साथ दक्षिण व पूर्व में उड़ जाता है। उन्होने बताया कि दक्षिण भारत के पक्षी व पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो यह पक्षी तेजी से कम हो रहा है और दक्षिण भारत में जहां कभी यह बड़ी संख्या में मौजूद था अब इसे देखना मुश्किल होता जा रहा है। इसका कारण ज्यादातर घास के मैदान खत्म होकर खेत बन चुके हैं।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा