कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल हुए गौरव वल्लभ, कहा – सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता

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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे है। कल यानी मंगलवार (3 अप्रैल, 2024) को बॉक्सर विजेंद्र सिंह कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। वही आज गुरुवार (4 अप्रैल, 2024) को कांग्रेस नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा देकर अब बीजेपी का दामन थाम लिया है। बता दे कि दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में गौरव वल्लभ भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी बीजेपी में शामिल हुए।

बता दे, गौरव वल्लभ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा। गौरव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर X लिखा, ”कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में गौरव वल्लभ ने लिखा, ‘नमस्कार! भावुक हूं। मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं। लिखना चाहता हूं। बताना चाहता हूं, लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छिपाना भी अपराध है और मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।’

गौरव वल्लभ ने पत्र में आगे लिखा, ‘महोदय, मैं वित्त का प्रोफेसर हूं। कांग्रेस पार्टी की सदस्यता हासिल करने के बाद पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया। कई मुद्दों पर पार्टी का पक्ष दमदार तरीके से देश की महान जनता के समक्ष रखा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं। जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जहां पर युवा, बौद्धिक लोगों की, उनके आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाता।’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है। जिसके कारण न तो पार्टी सत्ता में आ पा रही और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका ही निभा पा रही हैं। इससे मेरे जैसा कार्यकर्ता हतोत्साहित होता है। बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है, जो कि राजनीतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता, तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी व गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं, दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘आर्थिक मामलों पर वर्तमान समय में कांग्रेस का स्टैंड हमेशा देश के वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने का, उन्हें गाली देने का रहा है। आज हम उन आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण (एलपीजी) नीतियों के खिलाफ हो गए हैं, जिसको देश में लागू कराने का पूरा श्रेय दुनिया ने हमें दिया गया है। देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया हमेशा नकारात्मक रहा। क्या हमारे देश में बिजनेस करके पैसा कमाना गलत है?’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘महोदय, जब मैंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, उस वक्त मेरा ध्येय सिर्फ यही था कि आर्थिक मामलों में अपनी योग्यता व क्षमता का देशहित में इस्तेमाल करूंगा। हम सत्ता में भले नहीं हैं, लेकिन अपने मैनीफेस्टो से लेकर अन्य जगहों पर देशहित में पार्टी की आर्थिक नीति-निर्धारण को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकते थे, लेकिन पार्टी स्तर पर यह प्रयास नहीं किया गया, जो मेरे जैसे आर्थिक मामलों के जानकार व्यक्ति के लिए किसी घुटन से कम नहीं है।’

गौरव वल्लभ ने आगे लिखा, ‘पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूं। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से मैं आपसे मिले स्नेह के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।’

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