नाडोल कस्बे के मलोप तालाब से जुना खेड़ा होते हुए बाईपास जोधपुर-गोमती-मेघा हाईवे को जोड़ने वाला गौरव पथ, जो पूर्व ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत द्वारा लाखों रुपये की लागत से बनवाया गया था, अब उपेक्षित पड़ा हुआ है। इस रास्ते का निर्माण पूर्व में यशोदा वैष्णव के कथक प्रयासों के तहत हुआ था।
नाडोल मेन बस स्टैंड पर जाम की स्थिति को देखते हुए, वाहनों की निकासी के लिए इस मार्ग का उपयोग किया जाता है। हालांकि, कई महीनों से ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत को इस मार्ग की स्थिति के बारे में सूचित किया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। लाखों रुपये की लागत से बने इस गौरव पथ का नकारा होना, लोगों के लिए भारी परेशानी का कारण बन गया है।
प्रशासनिक अधिकारी भी आंखें मूंद कर निकल जाते है। कई बार उच्च अधिकारियों को सूचित करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। पुर्व ऊर्जा मंत्री राणावत द्वारा निर्मित लाखों रुपए की लागत से बने नाकारा गौरव पथ से दुपहिया वाहन चालको, पैदल राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है जिससे लोगों मे भारी रोष व्याप्त है तथा हर समय गंदा पानी भरा रहता है। जिससे चौधरीयो का मोहल्ला, मेघवालो का बडला वाला वास, भारमल नदी के मोहल्ले में डेंगू जैसी घातक बीमारियां फैलने की आशंका जताई जा रही है। लोगों का पैदल निकलना भी दुश्वार हो रहा है।
रिपोर्ट – कस्तूर राठोड