दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने एक लॉ छात्र की सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि प्रमाण-पत्रों पर मुख्य भाग में माता-पिता दोनों का नाम अनिवार्य रूप से अंकित होना चाहिए। इसमें किसी प्रकार की बहस की जरूरत नहीं है।
ये मामला गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी का है। ये पिटिशन लॉ ग्रेजुएट रितिका प्रसाद ने दाखिल की थी। उनका कहना था कि उन्होंने पांच साल के बीए एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया था। जब कोर्स पूरा हो गया तो उन्हें जो डिग्री दी गई, उसमें केवल पिता का नाम लिखा था, माता का नहीं।
रितिका का कहना था कि डिग्री पर मां और पिता दोनों का नाम होना चाहिए। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को 15 दिन का समय दिया है। इस मोहतल के अंदर उन्हें दूसरा सर्टिफिकेट इश्यू करना है, जिस पर मां और पिता दोनों का नाम हो।