Porsche Accident Case: पोर्श एक्सीडेंट केस में कोर्ट ने नाबालिग को दी जमानत

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पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस (Porsche Accident Case) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। मंगलवार (25 जून) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी नाबालिग को जमानत दे दिया है। साथ ही कोर्ट ने नाबालिग को बाल सुधार गृह से तुरंत रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने नाबालिग की हिरासत को अवैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते हैं। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों ना हो।

जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा नाबालिग आरोपी को निगरानी गृह में भेजने के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम याचिका को स्वीकार करते हैं और उसकी रिहाई का आदेश देते हैं। नाबालिग याचिकाकर्ता (आंटी) की कस्टडी में रहेगा। बता दे कि नाबालिग आरोपी के रिश्तेदार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आरोपी नाबालिग को 22 मई को बाल सुधार गृह भेजा गया था।

जानकारी के मुताबिक, जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच ने 21 जून को इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 25 जून की तारीख दी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाबालिग आरोपी को कोर्ट से मिली जमानत को लेकर आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा है कि मंगलवार (25 जून) को किशोर न्याय बोर्ड की तीन रिमांड को हाईकोर्ट के सामने चुनौती दी। प्रशांत ने कहा कि केस को लेकर हमने कोर्ट में डिबेट की। डिबेट के बाद कोर्ट ने उसे बेल पर रिहा करने का आदेश सुना दिया।

नाबालिग ने कार से बाइक सवार युवक-युवती मारी थी टक्कर

19 मई को शराब के नशे में कार चला रहे नाबालिग आरोपी ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी। हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। खबरों के मुताबिक, नाबालिग आरोपी 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श कार चला रहा था।

महाराष्ट्र सरकार ने भेजा था जुवेनाइल बोर्ड के मेंबर्स को नोटिस

16 जून को महाराष्ट्र सरकार ने नाबालिग आरोपी को जमानत देने वाले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के दो मेम्बरों को शो-कॉज नोटिस भेजा था। आरोपी को हादसे के बाद कस्टडी में लिया गया था। लेकिन जुवेनाइल बोर्ड ने उसे 15 घंटे बाद ही जमानत दे दी थी। जमानत की शर्तों के मुताबिक नाबालिग आरोपी को ट्रैफिक पुलिस के साथ कुछ दिन काम करने, सड़क दुर्घटनाओं पर निबंध लिखने और 7,500 रुपए के दो बेल बॉन्ड भरने को कहा गया था।

महाराष्ट्र सरकार ने किया था कमेटी का गठन

महाराष्ट्र सरकार ने जुवेनाइल बोर्ड के दो मेम्बरों के कामकाज की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया कि दोनों ही मेम्बरों के काम करने के तरीके में गड़बड़ियां मिली हैं। इसके बाद वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के कमिश्नर प्रशांत नरणावरे ने दोनों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया।

50 लाख रुपए की हुई थी डील

खबरों के मुताबिक, हादसे से पहले आरोपी लड़के ने बहुत शराब पी थी। इसकी पुष्टि बार में लगे सीसीटीवी से हुई थी, लेकिन ब्लड रिपोर्ट एल्कोहॉल निगेटिव आने पर पुलिस को शक हुआ था। पुलिस की जांच में पता चला कि नाबालिग के ब्लड सैंपल को ससून हॉस्पिटल में बदला गया था। आरोपी के ब्लड सैंपल को उसकी मां के सैंपल से बदलने के लिए पिता विशाल अग्रवाल से 50 लाख रुपए का सौदा हुआ था।

बता दे कि 27 मई को पुलिस ने ससून हॉस्पिटल के डॉ. तावरे, डॉ. हलनोर और हॉस्पिटल के एक स्टाफ को गिरफ्तार किया। डॉ. हलनोर ने पूछताछ में बताया कि ब्लड सैंपल बदलने के लिए विशाल अग्रवाल और उनके बीच 50 लाख रुपए का सौदा हुआ था। विशाल अग्रवाल ने डॉ. अजय तावरे से संपर्क किया था। डॉ. तावरे के कहने पर विशाल ने रकम की पहली किस्त के 3 लाख रुपए भी दिए थे।

11 लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार

खबरों की माने तो इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ससून हॉस्पिटल के दो डॉक्टर और हॉस्पिटल एक स्टाफ के अलावा नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल, दादा सुरेंद्र अग्रवाल और आरोपी की मां को गिरफ्तार किया गया। वही, इस मामले में पब के मालिक, मैनेजर और स्टाफ को भी गिरफ्तार किया गया।

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