Pali: वाटर पार्क नहीं जा सका, घर लौटने से डरा और सैकड़ों किमी दूर पहुंच गया मासूम

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पाली (Pali) के एक 12 वर्षीय बालक की मासूम जिज्ञासा और परिजनों की डांट का डर उसे सैकड़ों किलोमीटर दूर हरियाणा ले गया। भूख से बेहाल बच्चा जब पानीपत की सड़कों पर बेहोश हुआ तो दो महिलाओं और एक ठेले वाले की मदद से उसे सहारा मिला। लेकिन जो सबसे बड़ा सहारा बना, वो था पाली के समाजसेवी गजेन्द्र सिंह मंडली, जिनकी सतत मानवीय पहल से बालक अपने घर सकुशल लौट सका।

बिना बताए घर से निकले, वाटर पार्क में नहीं मिली एंट्री

पाली शहर में 16 जून को चार नाबालिग दोस्त पूनायता रोड स्थित वाटर पार्क में मस्ती के इरादे से बिना बताए घर से निकल गए। लेकिन पैसों की कमी के कारण एंट्री नहीं मिल पाई। बाकी दोस्त घर लौट आए, लेकिन 7वीं कक्षा में पढ़ने वाला 12 साल का बच्चा डांट के डर से घर नहीं पहुंचा और सीधे रेलवे स्टेशन जाकर किसी भी ट्रेन में सवार हो गया।

भूख से बेहोश होकर गिरा, महिलाओं ने की मदद

18 जून को हरियाणा के पानीपत पहुंचकर बच्चा पैदल ही चलने लगा। भूखा होने के कारण वह सड़क पर गिरकर बेहोश हो गया। राह चलती दो महिलाओं ने मानवता दिखाते हुए उसे पानी पिलाया और भोजन कराया, जिससे वह कुछ संभल पाया।

ठेले वाले और समाजसेवी की मदद से लौटी मुस्कान

बच्चा फिर एक कोल्ड ड्रिंक ठेले वाले के पास पहुंचा और अपने पिता का मोबाइल नंबर देकर बात करवाने की गुहार लगाई। ठेले वाले ने तुरंत पाली कॉल किया। सूचना मिलते ही पाली के समाजसेवी गजेन्द्र सिंह मंडली ने सक्रियता दिखाई और पुलिस को तुरंत सूचित किया। उनके प्रयास से बालक की लोकेशन फिक्स हुई और पाली पुलिस ने हरियाणा जाकर बच्चे को सकुशल लाने की प्रक्रिया शुरू की।

पाली पुलिस ने निभाई जिम्मेदारी

सदर थाने से हेड कांस्टेबल डाराम और कांस्टेबल हेमेन्द्र सिंह बच्चे के परिजनों के साथ पानीपत रवाना हुए। 19 जून को बच्चे को वहां के सेक्टर 1713 थाना से आवश्यक कार्रवाई के बाद बस से पाली लाया गया और 20 जून की सुबह बच्चे की घर वापसी हुई।

परिजनों की आंखों से छलके आंसू

पाली पहुंचते ही बच्चे की मां और दादा ने उसे गले लगाकर फूट-फूट कर रोते हुए कहा – “क्यों चला गया बेटा? एक बार घर आ जाता तो कुछ नहीं कहते। अगर तुझे कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता?”

बाल कल्याण समिति को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी

सदर थाना पुलिस के अनुसार बच्चे को नियमानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति की अनुमति के बाद ही परिजनों को सौंपने की कार्रवाई की जाएगी।

गजेन्द्र सिंह मंडली को मिला परिजनों का आभार

बच्चे की सकुशल वापसी में सहयोग देने वाले समाजसेवी गजेन्द्र सिंह मंडली को परिजनों ने दिल से धन्यवाद दिया। उनकी तत्परता और संवेदनशीलता ने न केवल एक मासूम को बचाया, बल्कि एक बिखरते परिवार को भी फिर से जोड़ा।

रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी

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