ईसाई धर्मगुरु Pope Francis का निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, भारत में तीन दिवसीय राजकीय शोक

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रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का सोमवार (21 अप्रैल, 2025) को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फेरेल के अनुसार, सोमवार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप फ्रांसिस ने आखिरी सांस ली। पोप का निधन उनके निजी निवास पर हुआ। ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस पिछले काफी वक्त से हेल्थ संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। पोप फ्रांसिस को सांस संबंधी बीमारी के कारण 14 फरवरी 2025 को जेमेली अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें डबल निमोनिया हो गया था, जिसकी वजह से उन्हें 38 दिन अस्पताल में रहना पड़ा। वही, वेटिकन में नौ दिन का शोक घोषित कर दिया गया है। पोप फ्रांसिस के निधन की खबर से दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। विश्व के कोने-कोने से कई दिग्गजों ने पोप के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लिखा, ”परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई। मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूँ और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा। उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले।”

भारत में तीन दिन का राजकीय शोक

गृह मंत्रालय (MHA) ने पोप फ्रांसिस के निधन पर सम्मान के तौर पर तीन दिवसीय राजकीय शोक का ऐलान किया है। पोप फ्रांसिस के सम्मान के रूप में पूरे भारत में तीन दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। 22 अप्रैल, 2025 और 23 अप्रैल, 2025 को दो दिवसीय राजकीय शोक रहेगा। इसके अलावा पोप के अंतिम संस्कार के दिन एक दिवसीय यानी 24 अप्रैल, 2025 को राजकीय शोक रहेगा। राजकीय शोक की अवधि के दौरान पूरे भारत में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, और कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

पोप फ्रांसिस से जुडी बातें

पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बेरगोलियो था। उनका जन्म 17 दिसंबर 1936 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। साल 2013 में कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने थे। वे पहले लैटिन अमेरिकी और जेसुइट समुदाय से आने वाले पहले पोप थे। पोप फ्रांसिस ने शांति स्थापना, पर्यावरण संरक्षण, गरीबों की सेवा और धर्मों के बीच संवाद को हमेशा प्राथमिकता दी।

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