Bhinmal। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिला विधिक सेवा जालौर के निर्देशानुसार भीनमाल अपर सेशन न्यायालय के आदेशानुसार स्थानीय भागलभीम मार्ग पर स्थित नरेगा स्थल पर शिविर लगाया गया। शिविर में पैनल ऐडवोकेट हेमलता जैन द्वारा बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत बाल मजदूरी रोकथाम के लिए कानूनी जानकारी दी।
बाल मजदूरी के दुष्प्रभाव
एडवोकेट हेमलता जैन ने बताया कि बाल मजदूरी से बच्चे के स्वास्थ्य पर शारीरिक और मानसिक रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है और यह एक कानूनी अपराध है। यदि कोई अभिभावक अपने बालक को बाल मजदूरी और जोखिम भरे कार्य में मजदूरी के लिए भेजता है, तो मालिक और अभिभावक दोनों को कानूनी तौर पर दोषी माना जाता है और जेल का भी प्रावधान है।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा
शिविर में बाल मजदूरी रोकथाम करके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की बात कही गई और बच्चों के साथ हो रही हिंसात्मक घटनाओं पर पुलिस की मदद लेने और 100 और 112 पर कॉल करने की बात कही गई। अधिकार मित्र सेवाराम सैन जुंजाणी ने बाल श्रम निषेध दिवस पर कानून के तहत बाल मजदूरी रोकना बहुत जरूरी है, क्योंकि बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
विधिक सहायता और सामाजिक पेंशन योजना
शिविर में विधिक सहायता और सामाजिक पेंशन योजना के बारे में विस्तार से मजदूरों को बताया गया। सारथी नवीन योजना सर्वे के तहत भी लोगों को बताया गया कि ऐसे बच्चे जो 18 वर्ष से कम हैं और जिनके माता-पिता दोनों नहीं हैं, उनका सर्वे किया जा रहा है।
निराश्रित अनाथ बच्चों का सर्वे
शिविर में निराश्रित अनाथ 4 वर्षीय दिलीप कुमार का उल्लेख किया गया, जिनके माता-पिता की बाड़मेर एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है और यह बच्चा अपनी दादी के साथ रहता है। ऐसे बच्चों का सर्वे लिस्ट बनाई जा रही है ताकि उन्हें पालनहार योजना का लाभ मिल सके।
शिविर में उपस्थिति
शिविर में विमला देवी वैष्णो, शिव देवी मेघवाल, कमला देवी देवासी, मोनिका, वर्षा और अन्य श्रमिक महिलाएं मौजूद थीं।
रिपोर्ट – परबतसिंह राव