
राजस्थान के सिरोही जिले के रेवदर के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर के महंत भीमगिरी एवं उसका चेला प्रकाश गिरी की ओर से गरीब तबके के लोगों की जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। जीरावल निवासी कपूराराम प्रजापत की जमीन को हड़पनेे के लिए भीमगिरी ने चेला प्रकाशगिरी समेत अन्य सात आठ गुण्डा प्रवृति के लोगों को मौके पर भेजा। लेकिन, मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्य को रुकवाते हुए जमीन हड़पने के प्रयास को विफल कर दिया। मामले को लेकर पुलिस ने चेला प्रकाशगिरी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।
भीमगिरी ने जीरावल के ही चौपाराम प्रजापत की भी रेवदर मार्ग स्थित करोड़ों की साढ़े 11 बीघा भूमि धोखेे से अपने नाम करवा दी है। इसके बदले में जंगल में साढ़े नौ बीघा बंजर भूमि चौपाराम प्रजापत के नाम करवा दी। जबकी मुख्य सडक़ की भूमि की आज की कीमत करीब ढाई करोड़ है और जंगल की बंजर भूमि की कीमत 25 लाख रुपए है। इन दोनों जमीन को लेकर भीमगिरी और चौपाराम के बीच में पैसों का कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
चौपाराम प्रजापत की उम्र 75 होने के कारण उनको न तो सुनाई देता है और आखों से भी कम दिखता है। ऐसे में कोई भी निर्णय लेने की क्षमता नहीं रखते है। जिसका प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही ने भी जारी किया है। बता दे कि चौपाराम के नाम की रजिस्ट्री करवाने के समय में चौपाराम के पुत्र देवाराम ने इसका विरोध किया था। लेकिन, भीमगिरी ने उसकी एक नहीं सुनी। इस पर देवाराम ने सिरोही कोर्ट में केस दर्ज किया। जिस पर कोर्ट ने जमीन के नामांतरण पर स्थगन आदेश दिया।
इसके बाद देवाराम ने थाने में भीमगिरी के खिलाफ की शिकायत की तो पुलिस ने भीमगिरी को दोषी माना। जिसको लेकर भीमगिरी और उनके गवाहों ने जोधपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले रखी है। फिलहाल कपूराराम प्रजापत और चौपाराम प्रजापत की भूमि हड़पने के मामले को लेकर जीरावल, सरण का खेड़ा एवंं देवका के ग्रामीण में रोष व्याप्त है। ग्रामीण दोनों पीड़ित परिवार के समर्थन में आ गए है।
वही, महंत भीमगिरी, चेला प्रकाश गिरी सहित अन्य को गिरफ्तार करने को लेकर ग्राम पंचायत जिरावल के ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। जीरावल, देवका व सरण का खेड़ा के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी के सामने रोष प्रकट किया।