
जैसलमेर। जिले के एक छोटे गांव में नजीर और नजीरा नामक भाई-बहन ने दयालुता और साहस से वन्यजीव प्रेम की मिसाल पेश की। उन्होंने हिरण के बच्चे को न केवल श्वानों के हमले से बचाया बल्कि उसकी देखभाल भी की। नया रासाला गांव के पीराणे खा की ढाणी निवासी नजीर और नजीरा गांव के पास से गुजर रहे थे कि अचानक उनकी नजर हिरण के नन्हे बच्चे पर पड़ी, जो कई श्वानों से घिरा लाचार नजर आ रहा था।
श्वान हमले की फिराक में थे। हिरण श्वानों से बचने में खुद को अक्ष्म था। ये देखकर दोनों भाई-बहनों ने श्वानों को भगाया व हिरण के बच्चे को गोद में उठा घर ले आए। हिरण का बच्चा तब कमजोर और डरा था। नजीर और नजीरा ने उसकी देखभाल शुरू कर दी। उन्होंने उसे दूध पिलाया और प्यार से लालन-पालन किया। हालांकि, नजीर और नजीरा को एहसास था कि हिरण का बच्चा जंगल का जीव है, जिसे वापस प्राकृतिक वातावरण में लौटना चाहिए।
उसे वन विभाग को सौंपना सही रहेगा। इस बारे में वन्यजीव प्रेमी सुमेरसिंह भाटी से संपर्क किया। उन्हें हिरण के बच्चे के बारे में बताया। भाटी ने तुरंत वन विभाग की लाठी रेंज को सूचना दी। वन विभाग की टीम बिना देर किये आई और हिरण के बच्चे की स्थिति को देखा। वन विभाग के अधिकारियों ने भाई-बहन के कार्य की सराहना की और हिरण के बच्चे को सुरक्षित संरक्षण में ले लिया। अब उसे उचित देखभाल के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा