
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को सोमवार (26 मई, 2025) को यौन उत्पीड़न केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने POCSO एक्ट के तहत दर्ज यौन उत्पीड़न केस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। जिसमें बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिक महिला पहलवान द्वारा दायर केस को रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए केस को बंद कर दिया। यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोमती मनोचा ने लिया।
इस केस को लेकर बृजभूषण के बेटे और भाजपा विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- ”हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है। प्रत्येक तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है। यह सत्य की जीत है और यह जीत आगे भी कायम रहेगी।”
हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है। प्रत्येक तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है। यह सत्य की जीत है — और यह जीत आगे भी कायम रहेगी। pic.twitter.com/PLWVMp1QGC
— Prateek Bhushan Singh (@PrateekBhushan) May 26, 2025
महिला पहलवानों ने लगाए थे यौन उत्पीड़न के आरोप
जानकारी के लिए बता दे कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिनमें से एक शिकायतकर्ता नाबालिग थी। बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में दो F.I.R दर्ज किया गया था। एक F.I.R IPC की विभिन्न धाराओं के तहत, और दूसरी पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। नाबालिग शिकायतकर्ता ने पॉक्सो केस में अपने आरोप वापस ले लिए थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पीड़िता के पिता ने खुद स्वीकार किया है कि शिकायत झूठी है और यह व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण दर्ज कराई गई।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने 10 मई 2024 को 6 में से 5 महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश दिए थे। जबकि, एक महिला पहलवान के आरोपों के केस में सिंह को बरी कर दिया था। कोर्ट ने 5 महिला पहलवानों के यौन शोषण के केस में बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए थे।
आपको बता दे कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 अप्रैल 2024 को बृजभूषण शरण सिंह की उस अर्जी को खारिज का दिया था, जिसमे उन्होंने इस केस की फिर से जांच की मांग की थी। 18 अप्रैल, 2024 को बृजभूषण ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि 7 सितंबर 2022 को घटना वाले दिन वह विदेश में थे। कोर्ट ने जुलाई 2023 को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपी विनोद तोमर को जमानत दी थी।