
सिरोही (Sirohi) में एक ऐसी भी शख्सियत है जो सिरोही में बेजुबान का सहारा बनकर दे रहा उनको नया जीवन। सांचौर के एक छोटे से गांव हरियाली का रहने वाला अशोक बिश्नोई (Ashok Bishnoi) सिरोही में पिछले कहीं सालों से बीमार बेजुबान का सहारा बने है। सिरोही की कोई गली ऐसी नहीं होगी जहाँ पर उन्होंने किसी बेजुबान जानवर का इलाज नहीं करवाया होगा। बिश्नोई हर महीने 250 से अधिक कुत्ते और बाकी बेजुबानों का इलाज करते है।
बिश्नोई ने बताया कि वो BA की पढ़ाई करने के लिए 2018 में सिरोही आए थे, पर कुछ समय बीतने के साथ साथ उन्होंने देखा की सिरोही में कुत्तो की हालत बहुत ख़राब है यानी की कोई भी उन पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसी को देखते हुए बिश्नोई ने तय किया कि वो इन बेजुबानो का सहारा बनेंगे और बिश्नोई लगातार पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे है इन बेजुबान के हालात को सुधारने को लेके।
बिश्नोई ने पिछले दिनों सिरोही में बढ़े रेबीज के केस में भी कई रेबीज संक्रमित श्वान को पकड़कर के नगर परिषद को दिए और उनको अलग रखने के लिए आवाज उठाई ताकि वो सिरोही में और किसी को गर्शित नहीं करे। इस मुहिम में उनके साथ में बलवंत मीणा, जगदीश बिश्नोई, तरुण जोशी, आदित्य सांगेला, तृप्ती जैन ओर कई जीवप्रेमी शामिल हुए है।
बता दे कि अशोक बिश्नोई ने “वॉइस फॉर एनिमल” नाम से एक संस्था की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य बेजुबान जानवरों की देखभाल, इलाज और उन्हें सुरक्षित आश्रय प्रदान करना है। बिश्नोई का कहना है कि हम सिरोही में ऐसे कई जागरूकता अभियान कर रहे है जिससे लोगो में जानवरो के प्रति प्यार बढ़े और वो उन्हे अपने परिवार का हिस्सा समझे। हर रविवार को हम रेबीज कैम्प कर रहे है ताकि सिरोही को रेबीज मुक्त बनाया जाए।
रिपोर्ट – राजेन्द्र कुमार पुरोहित