जसवंतपुरा। उपखंड मुख्यालय पर प्रस्तावित एकलव्य आवासीय विद्यालय की भूमि को यथावत रखने की मांग को लेकर गुरुवार को भील समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी रामलाल मीणा को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री व अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे। ज्ञापन रानीवाड़ा पूर्व विधायक नारायणसिंह देवल के नेतृत्व में सौंपा गया, जिसमें मांग की गई कि विद्यालय की आवंटित भूमि में किसी भी प्रकार का बदलाव न किया जाए।
कोर्ट स्टे के कारण निर्माण रुका
गौरतलब है कि इस भूमि को एकलव्य आवासीय विद्यालय के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन पीएम श्री स्कूल एसएमसी सदस्यों द्वारा इस पर आपत्ति जताते हुए न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले लिया, जिससे विद्यालय निर्माण कार्य रुक गया। इस स्थिति को लेकर भील समाज में नाराजगी व्याप्त है।
पूर्व विधायक ने स्थानीय नेताओं पर साधा निशाना
ज्ञापन सौंपने से पहले एक सामाजिक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें समुदाय के नेताओं ने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने और संगठित होकर अपनी मांग को मजबूत करने का आह्वान किया। सभा में जिला प्रमुख राजेश राणा ने कहा कि वर्तमान रानीवाड़ा विधायक इस मामले में राजनीति कर रहे हैं और मुद्दे को अनावश्यक रूप से उलझा रहे हैं। पूर्व विधायक नारायणसिंह देवल ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है, लेकिन स्थानीय नेताओं की राजनीतिक मंशा के कारण इस मामले को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विद्यालय निर्माण के लिए आवंटित भूमि को यथावत रखा जाए, ताकि क्षेत्र के आदिवासी और जरूरतमंद विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
भील समाज की एकजुटता दिखी
इस प्रदर्शन में भील समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एकलव्य विद्यालय आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसे किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। ज्ञापन सौंपे जाने के बाद प्रशासन ने मामले की संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ये भी रहे उपस्थित
इस दौरान पूर्व विधायक नारायण सिंह देवल, जिला प्रमुख राजेश कुमार, भाजपा जिला उपाध्यक्ष भैरूदान चारण, भाजपा मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह राजपुरा, पूर्व मंडल अध्यक्ष दौलत सिंह कलापुरा, समाजसेवी मोडाराम प्रजापत, विक्रम सिंह गजापुरा, भगवान सिंह चेकला, जितेन्द्र अग्रवाल, महेन्द्र सिंह राव, हरीश अग्रवाल, समुंदर सिंह जाविया, रामसिंह धरुपड़ा, गजेन्द्र सिंह जाविया, अनोप सिंह डोरडा, यासीन मोहम्मद, हजारीमल मेघवाल, देवाराम प्रजापत, पीराराम भील पावली, भीखाराम फैदानी, कालाराम, उकाराम डगला, जोयताराम, वेलाराम, वचनाराम, भूताराम कागमाला, जुजाराम सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट – महेन्द्र प्रजापत