दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (10 मई, 2024) को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने को कहा है। कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर केजरीवाल को जमानत दी है।
साथ ही कोर्ट ने जमानत देते समय कुछ शर्तें भी लगाई हैं। जैसे कि वह बेल पर बाहर रहने के दौरान मुख्यमंत्री ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही वो दिल्ली सचिवालय जा सकते है। बिना उपराज्यपाल की परमिशन के किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक आदेश के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए 50 हजार रूपये की जमानत राशि जमा करनी होगी और इतनी ही राशि का मुचलका भरना होगा।
इसके अलावा शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वो आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे। बता दे कि जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने आदेश पारित किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का जोरदार विरोध किया था।
बता दे कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वो न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं।