
पाली जिले (Pali District) में बीते दिनों हुई भारी बारिश के बाद जल स्रोतों का जलस्तर बढ़ने से जहां एक ओर जनजीवन में राहत पहुंची, वहीं दूसरी ओर कुछ स्थानों पर लोग जान जोखिम में डालकर मस्ती व मछली पकड़ने में जुटे दिखे। बांडी नदी में बच्चों से लेकर युवाओं तक ने मछली पकड़ने की होड़ मचा दी। कुछ छोटे बच्चे नदी के बहाव में बिना किसी सुरक्षा के उतरकर अपने थैलियों और कपड़ों से मछलियां पकड़ने की कोशिश करते नजर आए। यहां एक युवक द्वारा पकड़ी गई पहली मछली बाइक सवार दंपति को दी गई, जिन्होंने मछली को तुरंत बैग में डाल लिया और जैसे ही उन्हें पता चला कि वीडियो बन रही है तो वे आगे निकल गए।
आगे नदी के अंतिम छोर पर युवकों को रुपए देकर मछलियां खरीदी गईं। वहीं, कुछ मछलियों का मुंह फाड़ कर मारते हुए भी देखा गया। यह पूरा घटनाक्रम साफ दर्शाता है कि बच्चों की मौजूदगी में भी इस तरह की गतिविधियां खुलेआम की जा रही हैं। लखोटिया तालाब की चादर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। तालाब के ओवरफ्लो होने से बनी चादर में बच्चे ही नहीं बल्कि कुछ बड़े भी उतरकर मछलियां पकड़ते दिखे। वहीं, दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग चादर के पास पहुंचकर सेल्फी और फोटो लेने में लगे रहे।
स्थानीय लोग यह सवाल उठाते नजर आए कि जब इतने बच्चे और युवा जलधाराओं में उतरकर जोखिम उठा रहे हैं तो उन्हें कोई रोकने वाला क्यों नहीं है? यह लापरवाही किसकी है – बच्चों की, उनके माता-पिता की या प्रशासन की?
न तो कोई निगरानी व्यवस्था, न चेतावनी बोर्ड
बांडी नदी और लखोटिया तालाब जैसे स्थलों पर न तो किसी प्रकार की चेतावनी पट्टिकाएं लगी हुई हैं, न ही कोई निगरानी करने वाला कर्मी नजर आता है। ऐसे में इन स्थानों पर हो रहे असुरक्षित व्यवहार कभी भी गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी