
राजसमंद जिले (Rajsamand District) के पंचायत समिति भीम आमतौर पर शहर एवं आर्थिक सामाजिक रूप से समृद्ध परिवारों के पिता के निधन पर बेटियों द्वारा अपने पिता को कंधा देने की खबर देखने में आती है। परन्तु आज हम जिस खबर से आपको रूबरू करवा रहे है। यह खबर ना तो किसी शहरी परिवार की और ना ही किसी आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध परिवार की है। यह घटना एक सामान्य किसान एवं श्रमिक परिवार के छोटे से गाँव की है। उपखण्ड के समीपस्थ समेलिया निवासी 37 वर्षीय डाऊ राम रेगर की कुछ दिन बीमार रहकर ही बुधवार सुबह मृत्यु हो गयी।
मृतक डाऊ राम के 5 बेटियां है। गाँव में जैसे ही 5 बेटियों के पिता की मृत्यु की खबर फैली। मानो चारो और सन्नाटा सा छा गया। ग्रामीणों की आंखे डाऊ राम के निधन की खबर से तो नम थी ही। परन्तु मृतक की 5 बेटियों का रूद्र क्रंदन हर किसी की रूंह कपाने वाला था। गाँव में मातम सा छा गया। बात जब किसान श्रमिक डाऊ राम के वारिस के तौर पर पिता को कंधा देने की आई तो शिक्षाविद एवं पूर्व प्रधानाचार्य मोहन लाल उदेनिया ने मृतक की बेटियों को अपने पिता के शव को कंधा देने की प्रेरणा दी। जिस पर मृतक डाऊ राम रेगर की पांचो बेटियों ने पिता के शव को कंधा देकर अंतिम संस्कार किया।
अब 5 बेटियों के सपनो के कैसे लगेंगे पंख
जानकारी के अनुसार मृतक डाऊ राम के पांच बेटिया रेखा 19 पायल 17 विद्या 16 प्रतिज्ञा 9 एवं कृष्णा 6 वर्ष है। पिता के पास थोड़ी सी जमीन थी। जिस पर कृषि पशुपालन एवं दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपनी बेटियों का पालन पोषण कर रहे थे। अब इन पांच बेटियों के सिर से पिता का साया उठने के बाद बेटियों की शिक्षा दीक्षा आदि की समस्या आ खडी हुई है।
समाज आया सहायता को आया आगे
पांच बेटियों के पिता डाऊ के निधन के समाचार अपने आप में दुखद थे। डाऊ राम के अन्तिम संस्कार के बाद समाज की महासभा के पूर्व अध्यक्ष मोहन लाल उदेनिया की प्रेरणा से समाजजनों के द्वारा 35 हजार रूपये संगृहीत कर पीड़ित परिवार को नकद सहायता प्रदान की गई।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत