देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज मंगलवार (21 मई) को 33वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं ने राजीव गांधी के स्मारक स्थल ‘वीर भूमि’ पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। राजीव गांधी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी,कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम समेत कई नेताओं ने राजीव गांधी के स्मारक स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि दी।
इससे पहले राजीव गांधी के बेटे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पर एक भावुक करने वाली पोस्ट में लिखा, ”पापा, आपके सपने, मेरे सपने, आपकी आकांक्षाएं, मेरी ज़िम्मेदारियां। आपकी यादें, आज और हमेशा, दिल में सदा।”
पापा,
आपके सपने, मेरे सपने,
आपकी आकांक्षाएं, मेरी ज़िम्मेदारियां।
आपकी यादें, आज और हमेशा, दिल में सदा। pic.twitter.com/lT8M7sk7dS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2024
वही, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, ”21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तिकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गाँधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। भारत को एक सुदृढ़ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद किया जाएगा।”
21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तिकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गाँधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
भारत को एक सुदृढ़ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके… pic.twitter.com/O8ZMfWZSA8
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 21, 2024
राजीव गांधी से जुडी बातें
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बम्बई (वर्तमान में मुंबई) में था। राजीव इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े बेटे और जवाहरलाल नेहरू के नाती और भारत के 7वें प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी सिर्फ तीन वर्ष के थे जब भारत स्वतंत्र हुआ और उनके दादा जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। राजीव ने अपना बचपन अपने दादा के साथ तीन मूर्ति हाउस में बिताया। राजीव कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया। वहां राजीव के कई दोस्त बने जिनके साथ उनकी आजीवन दोस्ती बनी रही।
स्कूल से निकलने के बाद राजीव गांधी कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए लेकिन जल्द ही वे वहां से हटकर लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए। उन्होंने वहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कहा जाता है कि उन्हें हवाई उड़ान का बड़ा जुनून था। इंग्लैंड से घर लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास की और वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। जल्द ही वे घरेलू राष्ट्रीय जहाज कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए।
बता दे कि जब 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा अपनी मां (इंदिरा गांधी) की क्रूर हत्या के बाद वे कांग्रेस अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने थे। साल साल 1985 में राजीव गांधी ने कांग्रेस संदेश यात्रा की घोषणा की थी। राजीव गांधी ने कांग्रेस संदेश यात्रा की जिम्मेदारी कांग्रेस सेवा दल को तिरंगा सौंपते हुए सौंपी थी। इस यात्रा की शुरुआत मुंबई, कश्मीर, कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से एक साथ चार यात्राएं कीं। तीन महीने से अधिक समय तक चली यह यात्रा दिल्ली के रामलीला मैदान में समाप्त हुई।
जानकारी के मुताबिक आपको बता दे, साल 1991 में राजीव गांधी की मौत तमिलनाडु में प्रचार के दौरान एक बम विस्फोट में हुई थी। 32 वर्ष पहले 21 मई को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में उनकी हत्या की गई थी। जब राजीव की हत्या हुई, तब उनकी आयु 46 वर्ष थी। श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान महिला ने उनके पैर छुए और उसके बाद छिपाकर लाई RDX से विस्फोट कर दिया। हत्या करने वाले की पहचान श्रीलंका के जाफना के थेनमोझी राजरत्नम उर्फ धनु के रूप में हुई।
सोनिया गांधी से हुई थी राजीव गांधी की शादी
1968 में राजीव गांधी ने एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो से शादी की। जिन्होंने शादी के बाद अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी रख लिया था और भारत को अपना घर बना लिया। कहा जाता है कि राजीव गांधी से उनकी मुलाकात तब हुई जब राजीव कैम्ब्रिज में पढ़ने गए थे। राजीव व सोनिया के दो बच्चे हैं। बेटा राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी है। राहुल का जन्म 1970 में हुआ था और प्रियंका का 1972 में हुआ था।
सूचना क्रान्ति के जनक
बता दे कि राजीव गांधी भारत में सूचना क्रान्ति के जनक माने जाते हैं। देश के कम्प्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रान्ति का श्रेय उन्हें जाता है। मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया था।