देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन फरवरी 2019 में नई दिल्ली से वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। अब देश में 34 वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ रहीं हैं। अब रेल मंत्रालय इसी का सेमी हाई स्पीड ट्रेन का स्लीपर वर्जन निकालने की तैयारी में है। इसे राजधानी एक्सप्रेस रूट पर चलाया जाएगा।
इस ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और अप्रेल में ट्रायल रन शुरू हो सकता है। सबसे पहले इसे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाया जा सकता है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के जनरल मैनेजर बी. जी. माल्या ने हाल में कहा था कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान वंदे भारत का स्लीपर वर्जन लॉन्च कर दिया जाएगा।
स्लीपर वंदे भारत को एक कंसोर्टियम बना रहा है। इसमें रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का टीएमएच ग्रुप शामिल है। इस कंसोर्टियम ने 200 में से 120 स्लीपर वंदे भारत चलाने के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। बाकी 80 ट्रेनें की सप्लाई टीटागढ़ वैगंस और बीएचईएल का कंसोर्टियम सप्लाई करेगा।
आरवीएनएल के जीएम मैकेनिकल आलोक कुमार मिश्रा ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे होगी। इसमें 16 कोच होंगे। जिनमें 11 एसी 3, चार एसी 2 और एक एसी 1 कोच होगा।कोच की संख्या 20 या 24 की जा सकती है। इसके अलावा देश में वंदे मेट्रो भी बनाई जा रही है। 12 कोच की इस ट्रेन को छोटे रूट पर चलाया जाएगा।
अंतरिम बजट में तीन नए रेल कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। ये केवल तीन रेल कॉरिडोर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन तीनों से 434 प्रोजेक्ट जुड़े हुए हैं। इन तीनों कॉरिडोर की लंबाई 40,000 किलोमीटर होगी। 40 हजार किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक बिछाने आरंभिक लागत 11 लाख करोड़ रुपए आने का अनुमान है।