राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार को नगालैंड में झटका लगा। नगालैंड विधानसभा अध्यक्ष शेरिंगेन लोंगकुमेर ने एनसीपी के सात विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका खारिज कर दी। दरअसल शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव हेमंत टकले ने 30 अगस्त, 2023 को सात विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, क्योंकि इन विधायकों ने अजित के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में समर्थन पत्र दिया था।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे : हेमंत
हेमंत टकले ने सात विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताया था। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष को 30 अगस्त को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की ओर से आग्रह किया गया कि सातों विधायकों के संबंध में अयोग्यता याचिका पर भारत के चुनाव आयोग द्वारा अंतिम निर्णय आने तक कोई निर्णय नहीं लिया जाए। एनसीपी की नगालैंड की इकाई के अध्यक्ष वानथुंगो ओडयू ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को छह फरवरी को जारी किए गए आयोग के आदेश को उपलब्ध कराया।
इन विधायकों को मिली राहत
नगालैंड विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए पिक्टो शोहे, पी लॉन्गोन, नामरी नचांग, वाई म्होनबेमो हम्त्सो, एस तोइहो येप्थो, वाई मनखाओ कोन्याक और ए पोंगशी फोम को बड़ी राहत दी है। एनसीपी पर आयोग का निर्णय अजित गुट के पक्ष में था। आयोग ने फैसला किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट एनसीपी और चुनाव चिह्न का हकदार है।
एनसीपी के वैध नेता का समर्थन करना पार्टी विरोधी गतिविधियों के समान नहीं होगा और न ही अपनी मर्जी से पार्टी की सदस्यता छोड़ना।और मामले में आगे बढ़ना निरर्थक होगा। लोंगकुमेर ने दसवीं अनुसूची के पैरा 2(1) ए का हवाला देते हुए कहा कि सात विधायक अयोग्य घोषित होने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। ऐसे में याचिका खारिज कर दी गई।