लोकसभा चुनाव 2024 : केंद्र सरकार का आखिरी रोजगार मेला

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आगामी 12 फरवरी 2024 को केंद्र सरकार की ओर से 46 अलग अलग जगहों पर साल 2022 में शुरु हुई ‘रोजगार मेला श्रृंखला’ का 12वां और आखिरी रोजगार मेला आयोजित होगा। इस मेले में पहले कई बार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटेंगे।

हालांकि अभी अंतिम रूप से यह तय नहीं है कि कितने युवाओं को इस मेले के दौरान नियुक्ति पत्र हासिल होगा, मगर विभिन्न स्रोतों के अनुमान के मुताबिक 51 हजार बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे।

गौरतलब है कि 10 लाख बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने के लिए 22 अक्टूबर 2022 को धनतेरस के दिन से एक विशेष रोजगार मेला श्रृंखला शुरु की गई थी, जिसकी पहली कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने 75 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए थे। इस श्रृंखला का पिछला रोजगार मेला 30 नवंबर 2023 को आयोजित हुआ था।

इसके तहत देश के 38 स्थानों पर आयोजित रोजगार मेले में 51 हजार से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। इस मेले के दौरान डाक विभाग, रेल विभाग जैसे कई केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में बेरोजगार युवाओं को नौकरियां दी गई थीं।

इस दौरान रोजगार मेले के अलग अलग केंद्रों में अलग अलग केंद्रीय मंत्री या वरिष्ठ नौकरशाह मौजूद रहकर प्रधानमंत्री मोदी के दिशा-निर्देशों पर इस मेले के आयोजन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस तरह अब तक आयोजित हुए विभिन्न रोजगार मेला में 9 लाख से ज्यादा बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं।

आगामी रोजगार मेले के बाद इस श्रृंखला का खात्मा हो जाएगा और अगर फिर से मोदी सरकार जीतकर सत्ता में आती है, तो साल 2024 के आखिरी महीनों में फिर से नई रोजगार मेला श्रृंखला शुरु होने की संभावना है।

रोजगार मेले में किसी भी बेरोजगार युवक को अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले उसे आधिकारिक वेबसाइट-पर जाना होगा। इस वेबसाइट पर जाकर उसे जिस विभाग के लिए अप्लाई करना है, उसका फॉर्म भरना होगा और इस फॉर्म में मांगी गई योग्यताओं की जानकारी देनी होगी।

अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म भरा जाएगा और इस एप्लीकेशन फॉर्म के आधार पर आगामी प्रधानमंत्री रोजगार मेले में प्राथमिकता और योग्यता के आधार पर उसे रोजगार प्राप्त होगा।

चूंकि देश में बडे़ पैमाने पर बेरोजगारी का साया मंडरा रहा है, इसलिए 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलने के बाद भी न तो खास तौरपर इस रोजगार योजना की चर्चा सुनी गई है और न ही विशेषज्ञों ने इसके महत्व पर प्रकाश डाला है।

जबकि अगर इसके विभिन्न पहलुओं को अब तक की रोजगार संस्कृति के पैमाने पर कसकर देखें तो यह एक सही शुरुआत है, क्योकि भले सारे जरूरतमंद बेरोजगारों को इस श्रृंखला के चलते रोजगार न मिला हो, लेकिन जितने भी लोगों को इस रोजगार मेले की व्यवस्था से रोजगार मिला है, उसे अपना रोजगार हासिल करने के लिए किसी तरह के भ्रष्टाचार से नहीं गुजरना पड़ा। जबकि हम सब जानते हैं कि सरकारी नौकरियां पाना कितना मुश्किल काम है और इस तरह सरकारी नौकरियां बिना भ्रष्टाचार किए संभव नहीं होतीं।

ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले दो सालों में संपन्न 12 रोजगार मेले, एक अच्छी शुरुआत है। अभी तक इस योजना के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की नौकरी के अलावा सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में भी इसके जरिये नौकरियां बंटी हैं। मगर यदि यह व्यवस्था आगे बढ़ती है तो आने वाले सालों में निश्चित रूप से इस योजना में बड़े पैमाने पर प्राइवेट कंपनियों की भी भागीदारी बनेगी।

इस तरह न केवल बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों से भ्रष्टाचार की आशंकाएं कम होंगी बल्कि भविष्य में सभी तरह की प्राइवेट नौकरियों में भी भाई भतीजावाद, लेनदेन और घुसखोरी की गतिविधियों पर विराम लगेगा। रोजगार मेले में कुशल उम्मीदवारों को वहीं मौजूद रोजगार प्रदाता मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेकर उन्हें हाथ के हाथ नियुक्त पत्र सौंपे जाते हैं।

इससे नौकरी की प्रक्रिया में लगने वाला लंबा समय भी अपने आप खत्म हो जाता है। जब किसी रोजगार मेले में किसी बेरोजगार को सीधे नौकरी मिलती है, तो उसे जिस महकमे में नौकरी मिलती है, वहां का स्टाफ ऐसे लोगों को परेशान नहीं करता, वरना नये नौकरी पाने वालों को पुराने और स्थायी लोग काफी परेशान किया करते हैं।

इस तरह सीधे मंत्री या प्रधानमंत्री के हाथों से नियुक्ति मिलने के बाद न तो रोजगार पाने वाले को किसी तरह का, किसी को फेवर देना पड़ता है और न ही इन नवनियुक्त रोजगार पाने वाले युवाओं को गैरजरूरी भागदौड़ करनी पड़ती है।

सीधे रोजगार देकर और उसमें भी सीधे नियुक्ति पत्र बांटने तक की जिम्मेदारी लेने के कारण ऐसी नौकरी पाने वाले लोगों से उनके विभागीय कर्मचारी ईर्ष्या भले कितनी करें, लेकिन उन्हें परेशान करने की कोई हरकत नहीं कर पाते। इसलिए ऐसे रोजगार मेले लगते रहने चाहिए। मोदी सरकार सत्ता में न भी आए तो जो आए उसे इस प्रक्रिया से नौकरी उपलब्ध कराना चाहिए।

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