मालीगांव। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के लिए ट्रेनों एवं रेल परिसरों से चोरी तथा खोए हुए मोबाइल फोन का पता लगाना अब आसान हो गया है। एक बार यात्री द्वारा रेल मदद ऐप में अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट किये जाने पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेनटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल की मदद से पू. सी. रेलवे की साइबर अपराध शाखा को मोबाइल का पता लगाने में सुविधा मिलती है।
फिलहाल, यह पोर्टल असम के दूरसंचार सेवा नेटवर्क में ऐसे खोए हुए उपकरणों का पता लगाने में मदद करेगा। प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त (पीसीएससी)/पू. सी. रेलवे ने गुवाहाटी की स्थानीय पुलिस और विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया और पू. सी. रेलवे के लिए सीईआईआर तक पहुंच योजना तैयार की। पू. सी. रेलवे के पीसीएससी कार्यालय के प्रतिनिधि ने नई दिल्ली में संचार मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों के साथ भी समन्वय किया। विस्तृत चर्चा और औचित्य के बाद, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में असम राज्य के लिए आरपीएफ/एनएफआर को सीईआईआर पोर्टल तक पहुंच प्रदान की गई।
19 अप्रैल, 2024 को दूरसंचार विभाग द्वारा सीएससी/पू. सी. रेलवे के पक्ष में सीआईडी-मुख्यालय/असम के समन्वय एवं सीईआईआर अधिकारी के माध्यम से एक यूजर आईडी और पासवर्ड तैयार किया गया। 22 अप्रैल, 2024 को आरपीएफ/पू. सी. रेलवे ने सीईआईआर पोर्टल में खोए/चोरी हुए मोबाइलों का विवरण अपलोड कर कार्रवाई शुरू की।
आरपीएफ/पू. सी. रेलवे द्वारा सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से 09 मई, 2024 तक खोए/चोरी हुए 36 मोबाइलों को ब्लॉक कर दिया गया। अब तक 15 मोबाइल सक्रिय हो चुके हैं और खोए/चोरी हुए मोबाइलों की सीईआईआर पर ट्रेसेबिलिटी रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। आरपीएफ/पू. सी. रेलवे द्वारा 03 अपराधियों और 01 प्राप्तकर्ता की गिरफ्तारी के साथ 15 मोबाइलों में से 07 मोबाइल सफलतापूर्वक बरामद कर लिए गए हैं।
सीईआईआर पहुंच ने आरपीएफ/पू. सी. रेलवे को असम राज्य में ट्रेनों और रेल परिसरों से सेल-फोन चोरी का प्रभावी ढंग से पता लगाने में मदद की है। पू. सी. रेलवे का आरपीएफ इस सीईआईआर सुविधा तक पहुंच पाने वाला भारतीय रेल का पहला जोनल रेलवे है। आरपीएफ/पू. सी. रेलवे अपने क्षेत्राधिकार के अधीन सभी राज्यों में सीईआईआर सुविधा का उपयोग करने की भी योजना बना रही है।
ट्रेन के भीतर और रेल परिसरों से सेल-फोन चोरी की बड़े पैमाने पर घटनाएं एक गंभीर चिंता के रूप में उभरी हैं, जिससे आरपीएफ के संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है। अपराधियों को पकड़ने की भरसक कोशिशों के बावजूद, आरपीएफ/पू. सी. रेलवे की पहुँच कभी-कभार अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाती है और इसमें व्यवस्थित संस्थागत सहयोग की कमी भी प्रतीत होती है। इसे दूर करने के लिए सीईआईआर पोर्टल की पहुंच इस प्रकार के खतरे से निपटने में प्रमुख भूमिका निभाएगी।