अयोध्या : 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था। इसी दिन पीएम मोदी ने गर्भग्रह में विधि विधान से पूजा कर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कई बड़ी हस्तियां मौजूद थी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए थे। परंतु क्या आपको पता है कि अयोध्या में बने राम मंदिर की क्या खासियत है ? आपके सभी सवालों का जवाब इतिहास से लेकर वर्तमान तक का जवाब हमारे इस लेख में मिलेगा। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं राम मंदिर के इतिहास के बारे में।
राम मंदिर का इतिहास?
भारत की आजादी के बाद अयोध्या को उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक रूप से एक प्रमुख शहर का दर्जा मिला। मान्यता है कि सतयुग में अयोध्या को वैवस्वत मनु ने बसाया था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्री राम का जन्म यही हुआ। सालों तक चले राम राज्य के बाद जब श्रीराम ने जल समाधि ले ली तो अयोध्या नगरी सूनी पड़ गई।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य जब यहां आखेट करने आए तो उन्हें उजाड़ भूमि पर कुछ चमत्कार दिखाई देने लगे, खोच की तो पता चला कि ये श्रीराम की अवध भूमि है. इसके बाद उन्होंने यहां श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कराया जिसमें काले रंग के कसौटी पत्थर वाले 84 स्तंभ थे। 14वीं शताब्दी में जब भारत में मुगलों का शासन हुआ तो 1525 में राम जन्मभूमि मंदिर को बाबर के सेनापति मीर बांकी ने ध्वस्त करवाया था। श्रीराम जन्मभूमि को नष्ट कर वहां बाबरी मंजिद बना दी गई।
असली विवाद शुरू हुआ 23 दिसंबर 1949 को, जब भगवान राम की मूर्तियां बाबरी मस्जिद में पाई गईं। सरकार ने इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगवा दिया। विवादित ढांचे की जगह मंदिर बनाने के लिए 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने एक कमिटी गठित की। यूसी पांडे की याचिका पर फैजाबाद के जिला जज केएम पांडे ने 1 फरवरी 1986 को हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत देते हुए ढांचे पर से ताला हटाने का आदेश दिया।
विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। देश भर में सांप्रदायिक दंगे भड़के गए, जिनमें 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। हिंदू कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही ट्रेन में गोधरा में आग लगा दी गई, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई। इसकी वजह से गुजरात में दंगे में हुए, जिनमे 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
हिंदू और मुस्लिम पक्ष कोर्ट में गए और अर्जी डाली। फिर सुनवाई चली और यह सिलसिला काफी लंबे समय तक चलते रहा। आखिरकार वह दिन आ ही गया जब 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। 2.77 एकड़ विवादित जमीन हिंदू पक्ष को मिली। मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश। 5 अगस्त 2020 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया था। इस दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भूमि पूजन किया था।
क्या खासियत है नवनिर्मित भव्य राम मंदिर की ?
अयोध्या में बने नवनिर्मित राम मंदिर की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्री राम का बचपन का स्वरूप (श्री राम लला की प्रतिमा) है और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा। खास बात यह है की राम मंदिर को धूल मिट्टी से बचाने के लिए इसे त्रिकोणीय वृक्षारोपण के तहत निर्मित किया गया है। किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचने के लिए विशेष सुरक्षा परिसर बनाए गए हैं। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशाल स्मारक का निर्माण भी किया गया है।
क्या अयोध्या का राम मंदिर बनेगा दुनिया का आठवां अजूबा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 में जब उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक अयोध्या के दौरे पर पहुंचे थे। राम नाईक ने राम मंदिर के निर्माण कार्य को देखा तब उन्होंने कहा कि भव्य राम मंदिर विश्व का आठवां अजूबा होगा। पूर्व राज्यपाल बोले, ‘अभी तक विश्व में 7 ही अजूबे थे जिसमें भारत का ताजमहल ही शामिल है। लेकिन जिस तरह से भव्य राम मंदिर बन रहा है यह विश्व का आठवां अजूबा बनेगा।
क्या अयोध्या का राम मंदिर बनेगा ग्लोबल टूरिज्म हब?
निश्चित तौर पर अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद काफी फायदा होगा। यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या बढ़ेगी। मंदिर के ट्रस्ट को भी फायदा पहुंचेगा और इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पर्यटन मंत्रालय के आकंड़ों के मुताबिक, साल 2019 में यहां कुल 3.4 लाख टूरिस्ट यहां आए थे। वहीं, 2015 में 1.4 लाख यानी पिछले पांच साल में 2.5 गुना टूरिस्ट बढ़े हैं। माना जा रहा है कि राम मंदिर बनने के बाद यहां करीब 1 लाख तक लोग हर दिन दर्शन के लिए आएंगे यानी हर साल करीब 3.6 करोड़।