Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के B-787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट नंबर AI-171) के दुर्घटनाग्रस्त होने की भयावह घटना ने पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया है। इस हादसे में कुल 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू सदस्य भी शामिल थे। मृतकों में अधिकांश महाराष्ट्र से थे, जिनकी पहचान की प्रक्रिया अब भी जारी है।
इन्हीं 12 क्रू सदस्यों में एक नाम था—मैथिली पाटिल (Maithili Patil)। 23 वर्षीय मैथिली ने आसमान को अपना सपना बनाया था। पनवेल के न्हावा गांव की रहने वाली इस युवती की असमय विदाई की ख़बर जैसे ही गांव पहुँची, वहां का माहौल शोक और सन्नाटे में बदल गया। हर कोई स्तब्ध था—जैसे समय थम गया हो।
मैथिली अपने परिवार में सबसे बड़ी थीं। उनके एक छोटे भाई और एक छोटी बहन हैं। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय, पनवेल से बैचलर ऑफ अकाउंट्स एंड फाइनेंस (BAF) की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी—क्योंकि उनका लक्ष्य था उड़ान भरना, सचमुच और प्रतीकात्मक रूप से।
गांव के पूर्व सरपंच और रिश्तेदार जितेंद्र म्हात्रे ने बताया कि उड़ान भरने से पहले मैथिली ने अपने पिता को फोन किया था। उन्होंने भरोसा दिया था, “लंदन पहुंचते ही कॉल करूंगी।” लेकिन वह कॉल कभी नहीं आया।
उनकी मुस्कान में आत्मविश्वास था और उनकी सोच में दूर तक जाने का हौसला। गांव की कई लड़कियों के लिए वह एक प्रेरणा बन चुकी थीं—जो दिखाती थीं कि अगर इरादा मजबूत हो, तो रास्ते बन ही जाते हैं।
शुक्रवार को उनके घर पर शोक व्यक्त करने वालों की भीड़ थी। रिश्तेदार, दोस्त, गांव के बुज़ुर्ग—हर कोई आंखों में आंसू लिए खड़ा था। पर इस सन्नाटे के बीच भी एक बात स्पष्ट थी: मैथिली भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके सपनों की रौशनी अब भी लोगों के दिलों में जल रही है।