दुनियाभर के 151 लोकप्रिय स्थानीय व्यंजनों का विश्लेषण किया गया। जिसमें कई देशों के स्थानीय व्यंजनों को बारीकियों से समझा गया। नए अध्ययन के मुताबिक भारत की इडली, चना मसाला, राजमा, चिकन जालफ्रेजी और चिकन चाट उच्चतम जैव विविधता वाले शीर्ष 20 व्यंजनों में शामिल हैं।
भारतीय व्यंजनों का विश्लेषण
अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत को ज्यादातर उच्च जैव विविधता पदचिन्ह वाले व्यंजनों के उत्पादन में शामिल पाया गया है। जिन्हें आमतौर पर उच्च पर्यावरणीय पदचिह्न के रूप में चिह्नित नहीं किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि मांस युक्त व्यंजनों की तुलना में शाकाहारी व्यंजनों में काफी कम जैव विविधता पदचिह्न पाए गए। दूसरी ओर आलू और गेहूं जैसे स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से बने व्यंजन जैसे ‘मंटौ’ और ‘चीनी स्टीम्ड बन’ सबसे कम जैव विविधता वाले खाद्य पदार्थों में से थे।
बारीकी से किया विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसे आंशिक रूप से स्थानीय स्तर पर उत्पादित परिदृश्यों में इन व्यंजनों के कम वजन द्वारा समझाया गया था। विशिष्ट उत्पाद के लिए उपयोग की जाने वाली कृषि भूमि के भीतर जंगली स्तनधारियों, संरक्षण स्थिति को देखकर प्रत्येक व्यंजन के घटक की जैव विविधता पदचिह्न की गणना की।
शोधकर्ताओं ने कहा कि विभिन्न देशों में व्यंजनों की जैव विविधता पदचिह्नों का आकलन उपभोक्ताओं को सशक्त बना सकता है और जैव विविधता पर भोजन उत्पादन के प्रभावों को कम करने के लिए स्थायी आहार की ओर संक्रमण की सुविधा प्रदान कर सकता है।
भारत के कई व्यंजन शामिल
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने वैश्विक और स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय व्यंजनों की सूचियों पर जैव विविधता का अनुमान लगाने के लिए विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि फलियां और चावल जैसी सामग्रियों से बने व्यंजन भारत जैसे पहले से ही बहुत उच्च कृषि दबाव वाले जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट पर अतिक्रमण कर रहे हैं। जिससे उच्च जैव विविधता पदचिह्न बन जाते हैं।