मुंबई : आरक्षण कानूनी लिहाज से टिकाऊ : सीएम शिंदे

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मुंबई राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच के लिए राज्य भर में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी। एकनाथ शिंदे ने बताया कि ओबीसी आरक्षण को बिना नुकसान पहुंचाए मराठाओं को रिजर्वेशन मिलेगा।

सीएम शिंदे ने कहा कि, देवेंद्र फडणवीस इसके पहले जब सीएम थे तब भी उन्होंने मराठा समाज को रिजर्वेशन दिया था, लेकिन वो कोर्ट में टिका नहीं। हम मराठा समाज को अब ऐसा रिजर्वेशन देने जा रहे हैं जो कानून के आधार पर होगा। ये रिजर्वेशन सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट में भी टिकेगा।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस उपस्थित थे। शुक्रवार की सुबह जब वर्षा को रिपोर्ट सौंपी गई तो आयोग के सदस्य भी मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बात की सराहना की, कि आयोग सहित पूरे प्रशासनिक व्यवस्था के साथ रिकॉर्ड समय में साढ़े तीन से चार लाख अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वे को लेकर मुख्यमंत्री ने बैठकें की थीं और इस सर्वे को युद्धस्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए थे।

हमने 20 फरवरी को विधानमंडल का विशेष सत्र भी बुलाया है। आज सर्वेक्षण की रिपोर्ट देते समय मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर, सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे, आयोग के सदस्य अंबादास मोहिते, ओमप्रकाश जाधव, मच्छिंद्रनाथ तांबे, ज्योतिराम चव्हाण, मारुति शिंकारे, डा. गोविंद काले, डॉ. गजानन खराटे, नीलिमा सरप (लखाड़े), सदस्य सचिव आ.उ.पाटिल उपस्थित थे।

आंदोलन वापस लेने की अपील

सीएम शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। हमने पिछले कुछ महीनों में कई ठोस कदम उठाए हैं। आयोग ने रिकॉर्ड समय में अपनी रिपोर्ट को मंजूरी भी दे दी है। यह सब देखते हुए आंदोलनकारियों को अपना आंदोलन अपना विरोध वापस ले लेना चाहिए।

कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंपी गई रिपोर्ट को राज्य कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा और उस पर चर्चा की जाएगी। हम मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए शुरू से ही सकारात्मक रहे हैं और ऐसे कदम समय-समय पर उठाए हैं। आरक्षण जो ओबीसी या किसी अन्य समुदाय को प्रभावित किए बिना, कानून के दायरे में फिट बैठता है और कायम रहता है ऐसा आरक्षण हम दे सकते हैं।

दो फरवरी को पूरा हुआ सर्वेक्षण

मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन की जांच के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से 23 जनवरी से राज्य में युद्धस्तर पर मराठा और खुली श्रेणियों का सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण 2 फरवरी को पूरा हुआ। राज्य के लगभग ढाई करोड़ परिवारों का सर्वेक्षण किया गया l इस काम में गोखले इंस्टीट्यूट, आईआईपीएस इन प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा ने मदद की गई।

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