मुंबई : ‘हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

5 Min Read

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई एवं महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में वसंत पंचमी के पावन अवसर पर “हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा माॅं सरस्वती एवं महाकवि निराला जयंती का यादगार आयोजन किया गया। इस सफल संगोष्ठी की अध्यक्षता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के अधिष्ठाता प्रो. कृष्ण कुमार सिंह की।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीराम की उदारता ही कल्याणकारी है। अयोध्या का राजमहल त्याग कर वन गमन स्वीकारना, मातृ-पितृ की आज्ञा मानना, साधु, संत एवं गुरुजनों का सम्मान करना तथा शबरी के भक्ति भाव को अंतरात्मा से समझने का भाव उनकी उदारता, त्याग, समर्पण, निष्ठा और कर्म प्रधानता को दर्शाता है, जो कल्याणकारी और जनहितकारी भी है। उन्होंने कहा कि अनेक दृष्टांत ऐसे हैं, जो जीवन को बदलने का काम ही नहीं करते बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

राम के चरित्र पढ़ाना भर ही पर्याप्त नहीं

आज समाज में राम के चरित्र पढ़ाना भर ही पर्याप्त नहीं, अपितु उसका अनुसरण करना भी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम कई भावों में चित्रित एवं वर्णित अलौकिक रूप में हैं, अत: ऐसे सत् साहित्य को जन-जन तक पहुॅंचाना चाहिए। संगोष्ठी की प्रस्तावना आयोजक और महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य अजय पाठक ने रखी।

विशेष अतिथि नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डा. मनोज पांडे रहे, जबकि सह-आयोजक का दायित्व महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य जगदीश थपलियाल ने निभाया। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार इंदिरा किसलय, हेमलता मिश्र मानवी, कवयित्री श्रद्धा शौर्य, संजय सिन्हा एवं संयोजक विनोद नायक ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार सतीश लखोटिया, माधुरी मिश्रा और आयोजक अजय पाठक ने किया। माॅं सरस्वती की वंदना मीरा जोगलेकर ने प्रस्तुत की। प्रस्तावना में आयोजक अजय पाठक ने संगोष्ठी की संकल्पना एवं प्रभु श्रीराम की समाज में महत्ता को वर्णित किया।

मुख्य वक्ता हेमलता मिश्र मानवी ने ‘हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम’ विषय पर भावप्रवण उद्बोधन में कहा कि रामचरितमानस और अन्य ग्रंथों में गोस्वामी तुलसीदास ने अतुल्य राम साहित्य की रचना की।

उन्होंने कहा कि संस्कृत में रचित वाल्मीकी रामायण के ब्रम्हांड नायक सच्चिदानंद प्रभु श्रीराम को अवतारी राम के रूप में प्रस्तुत करते हुए भक्त शिरोमणि तुलसीदास ने हिन्दी साहित्य को अमूल्य सौगात दी है।

मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार इंदिरा किसलय ने निराला जयंती के उपलक्ष्य में कविवर्य सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला” के साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला और राम की शक्ति पूजा को वर्णित किया। कवयित्री श्रद्धा “शौर्य” ने अपने जोशीले अंदाज में अपनी काव्य रचना “देख जिन्हें दिशा दस, अवनि, अनंत व्योम, तारिकाएँ, चंद्र क्या हैं सूर्य भी लजाते हैं। पापियों को तारने को काटते जो दस शीश, वे ही राम शबरी के जूठे बेर खाते हैं।”

प्रस्तुत कर सदन को मंत्रमुग्ध कर दिया। भजन गायक विनोद शर्मा ने “मेरी चौखट पर चलकर आज चारों धाम आये हैं” भजन गाकर खूब तालियाॅं बटोरीं।

सम्मानित साहित्यकार

वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर हिंदी की उत्कृष्ट सेवा हेतु हिंदी सेवा सम्मान-2024 से साहित्यकार रीमा दीवान चड्ढा, सतीश लाखोटिया, तन्हा नागपुरी, अमिता शाह अमी, माधुरी मिश्रा मधु , मीरा जोगलेकर, डॉ राम मुले, टीकाराम साहू आजाद, संकेत नायक, माधुरी राऊलकर एवं भजन गायक विनोद शर्मा को स्मृति चिन्ह, शाॅल और सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी का कुशल मंच संचालन संयोजक विनोद नायक ने किया और आभार संजय सिन्हा ने माना। इस अवसर पर सुनील नायक, अजय पांडेय, कृष्ण कुमार तिवारी, कमलेश चौरसिया, डॉ शारदा रोशनखेडे, निर्मला पांडे, सुबोध शाह, नीरजा नायक, रूबीदास अरू रीता नायक, स्नेहा शर्मा, आशु लाखोटिया, दक्षेश नायक, प्रमोद गोडे, शिवेश नायक, किशन विश्वकर्मा, चंद्रकांत बिल्लोरे, भाविका रामटेके, मंदा बागडे और सुरेन्द्र हरडे सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन एवं हिंदी साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

Share This Article
Follow:
Jagruk Times is a popular Hindi newspaper and now you can find us online at Jagruktimes.co.in, we share news covering topics like latest news, politics, business, sports, entertainment, lifestyle etc. Our team of good reporters is here to keep you informed and positive. Explore the news with us! #JagrukTimes #HindiNews #Jagruktimes.co.in
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version