यूँ तो अभी ठंड का मौसम चल रहा है लेकिन मुंबईकरों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल मुंबई की प्यास बुझाने वाली सात झीलों के जल भंडार को देखते हुए मुंबईकरों के सामने पानी की कमी का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए मुंबईवासी पानी का संयम से उपयोग करें।
मुंबई महानगरपालिका की ओर से मुंबई को सात झीलों अप्पर वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी से तीन हजार 850 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है। मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली सात झीलों के पानी पर नजर डालें तो फिलहाल यह घटकर आधा रह गया है। पिछले साल 12 फरवरी को यह बात सामने आई थी कि करीब 20 दिनों तक पानी की सप्लाई कम हो गई है।
पानी की कमी मुंबईकरों की बनी टेंशन
मुंबईकरों के लिए ये चिंता का विषय बन गया है कि वाष्पीकरण के कारण हर साल जून में होने वाली पानी की कटौती अब मई की भीषण गर्मी में ही लागू हो जाएगी।मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगर मानसून के सक्रिय होने में देरी होती है तो अनुमान है कि मुंबई मनपा जून और जुलाई महीने में भी 10 से 20 फीसदी पानी की कटौती कर सकता है.
मुंबई में इस पानी कटौती की चिंता के चलते मुंबईकरों का ध्यान अब इस बात पर है कि मनपा किस तरह से पानी की आपूर्ति की योजना बनाती है। पूरे साल पानी की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मुंबईकरों को हर साल एक अक्टूबर को 14 लाख 47 हजार 363 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है।