रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 01 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत बजट में रेलवे के लिए किए गए प्रावधानों के संदर्भ में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का कुल बजट परिव्यय 2,52,000 करोड़ रुपए है। पिछले 10 वर्षों में हमने 26000 किमी रेल नेटवर्क जोड़ा है। हम प्रति सप्ताह एक वंदे भारत ट्रेन का प्रोडक्शन कर रहे हैं।
वंदे भारत ट्रेनें 100 प्रतिशत से अधिक क्षमता के साथ चल रही हैं जबकि अमृत भारत ट्रेनें 160 प्रतिशत क्षमता के साथ चल रही हैं। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी जल्द शुरू की जाएगी। क्षमता वृद्धि पर फोकस के साथ 40000 किमी नेटवर्क के तीन कॉरिडोर जोड़े जाएंगे। अमृत चतुर्भुज यानी स्वर्णिम चतुर्भुज की लाइन क्षमता को चौगुनी, छह ट्रैकिंग, एलिवेटेड ट्रैक की आवश्यकतानुसार शहरी बाईपास द्वारा बढ़ाया जाएगा।
इस वर्ष गुजरात राज्य के लिए 8587 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो 2009-14 के औसत वार्षिक परिव्यय का 14 गुना है। 2009-14 के बीच 132 किमी/वर्ष की तुलना में अब 701 किमी/वर्ष ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है।
गुजरात में कुल 30,789 करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। गुजरात में 97 फीसदी रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। पिछले 10 वर्षों में 856 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया। गुजरात में 28 ओएसओपी स्टॉल कार्यरत हैं जबकि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 87 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। सूरत और सोमनाथ स्टेशनों के पुनर्विकास का काम बहुत तेजी से चल रहा है।
वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि तीन प्रमुख रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। जिनमें ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट-कनेक्टिविटी कॉरिडोर एवं उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर शािमल हैं। पश्चिम रेलवे के लिए कुल सकल परिव्यय 18093 करोड़ रुपए किया गया है, जो 2023-24 की तुलना में 12% की वृद्धि है।
वर्ष 2024-25 के लिए शुद्ध योजना परिव्यय 14335 करोड़ रुपए है जिसमें गुजरात राज्य के लिए परिव्यय 8587 करोड़ रुपए, महाराष्ट्र राज्य के लिए परिव्यय 15554 करोड़ रुपए एवं मध्य प्रदेश राज्य के लिए परिव्यय 15143 करोड़ रुपए है।
मौजूदा नई दिल्ली से मुंबई मार्ग (वडोदरा-अहमदाबाद खंड सहित) पर गति को 160 किमी प्रति घंटे/200 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए 2662 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। यूटीएस और पीआरएस नेटवर्क के डेटाकॉम उपकरणों के प्रतिस्थापन सहित कम्प्यूटरीकरण के लिए 9.50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
प्लान हेड 11 के तहत प्रस्तावित परिव्यय – नई लाइनें (1330 करोड़ रुपए) गुजरात और मध्य प्रदेश राज्य में कई प्रमुख परियोजनाएं हैं। प्लान हेड शीर्ष 14 के अंतर्गत प्रस्तावित परिव्यय – गेज परिवर्तन (2742 करोड़ रुपए) प्लान हेड 15 के तहत प्रस्तावित परिव्यय – दोगुना (943 करोड़ रुपए ), मौजूदा नई दिल्ली-मुंबई मार्ग (वडोदरा-अहमदाबाद सहित) पर गति को बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा/200 किमी प्रति घंटा करना – दिल्ली-मुंबई के बीच 12 घंटे का यात्रा समय प्राप्त करने का मिशन : 2662 करोड़ रुपए एवं कम्प्यूटरीकरण हेड के तहत प्रस्तावित परिव्यय -: 9.50 करोड़ रुपए शािमल हैं।
प्रभादेवी – किमी 8/15-9 पर सड़क ऊपरी पुल का पुनर्निर्माण, दादर- किमी 10/9-10 पर रोड ओवर ब्रिज का पुनर्निर्माण एवं विरार-एलसी नंबर 41 के बदले में वैतरणा 4 लेन आरओबी का प्रस्ताव है। ट्रैक नवीनीकरण पर प्रस्तावित परिव्यय जिसमें रेल नवीनीकरण भी शामिल है।
ग्राहक सुविधाएं हेड प्रस्ताव
पश्चिम रेलवे – प्लेटफॉर्मों पर (65) एस्केलेटर का प्रावधान, बोरीवली में 12 मीटर चौड़ा पैदल ऊपरी पुल, विभिन्न स्टेशनों पर (18) एस्केलेटर (6 स्टेशन), भायंदर में पुराने वेस्ट स्पैन के बदले पैदल ऊपरी पुल, चर्चगेट-विरार–मरीन लाइन्स, चर्नी रोड, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल, लोअर परेल और बांद्रा में मौजूदा फुटओवर ब्रिज का प्रतिस्थापन, अंधेरी, बांद्रा, खार रोड और मलाड – फुटओवर ब्रिज का प्रावधान/पुनर्निर्माण, चर्चगेट-विरार-सांताक्रुज, अंधेरी, गोरेगांव, मलाड, नायगांव, नालासोपारा और वसई रोड पर मौजूदा फुटओवर ब्रिज का प्रतिस्थापन, चर्चगेट-विरार-ग्रांट रोड, महालक्ष्मी, माहिम, विले पार्ले, जोगेश्वरी, बोरीवली, दहिसर, वसई रोड पर बिना एस्केलेटर वाले फुटओवर ब्रिज, स्टेशनों पर (70)
लिफ्टों का प्रावधान,चित्तौड़गढ़, दाहोद, रतलाम, अहमदाबाद, पालनपुर, भीलडी, महेसाणा और राजकोट स्टेशनों पर त्वरित जल व्यवस्था की स्थापना शािमल है। पश्चिम रेलवे पर अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में पश्चिम रेलवे- स्टेशनों का प्रमुख उन्नयन (उधना रेलवे स्टेशन), स्टेशनों पर सॉफ्ट अपग्रेडेशन, पश्चिम रेलवे- भारतीय रेलवे पर स्टेशनों का प्रमुख उन्नयन (चरण-III),
सौर ऊर्जा के कार्यों हेतु ईबीआर (पार्टनरशिप), बांद्रा टर्मिनस की पिट लाइनों पर हर मौसम में अच्छी रोशनी वाला कवर शेड, साबरमती में ट्रेन सेटों के लिए रखरखाव डिपो की स्थापना, ऊर्जा कुशल वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लिए रखरखाव बुनियादी ढांचे का उन्नयन/विकास, ट्रेन सेटों के निर्माण/रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, वंदे भारत ट्रेनों के लिए रखरखाव बुनियादी ढांचे और रखरखाव सुविधाओं का उन्नयन/विकास, स्टेशनों पर एफओबी और/या उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्मों का प्रावधान, वसई बाईपास नायगांव-जुहीचंद्र के बीच दोहरी लाइन (5.73 किमी) एवं 1318 स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली का प्रावधान रखा गया है।