प्रेम और करुणा की मूर्ति थे बाबा हरदेव सिंह

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मुंबई। हृदय सम्राट बाबा हरदेव सिंह की पुण्य स्मृति में समर्पण दिवस समारोह का मुख्य आयोजन सोमवार 13 मई को सायं पांच बजे से रात्रि 9.30 बजे तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित के पावन सान्निध्य में किया जाएगा। जिसमें निरंकारी जगत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त भाग लेंगे और बाबा हरदेवसिंह को अपनी आस्था अर्पित करेंगे।

समर्पण दिवस के अवसर पर स्थानीय स्तर पर कुल 40 स्थानों पर विशेष सत्संग समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें मुंबई 23 और डोंबिवली 17 के सभी निरंकारी भक्त भाग लेंगे। बाबा हरदेव सिंह प्रेम और करुणा की मूर्ति थे। उन्होंने न केवल अपने सादे जीवन और दिव्य मुस्कुराते चेहरे से भक्तों को आशीर्वाद दिया, बल्कि संपूर्ण मानव जाति को कल्याण का मार्ग अपनाकर सार्थक और संतुष्ट जीवन जीने की कला भी सिखाई।

यही कारण है कि वह समाज के हर वर्ग के लोगों के बीच हमेशा पसंदीदा रहे हैं। एक मार्गदर्शक होने के नाते, बाबा ने प्रत्येक भक्त को सहायता प्रदान की ताकि वह एक आसान, सुंदर और शक्तिशाली जीवन जी सके। आध्यात्मिक जागरूकता के साथ-साथ बाबा ने सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भी सकारात्मक योगदान दिया, जिनमें मुख्य रूप से रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य जांच शिविर, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा आदि शामिल हैं। बाबा हरदेवसिंह ने 36 वर्षों तक सद्गुरु के रूप में निरंकारी मिशन का नेतृत्व किया।

उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि यह मिशन दुनिया के 60 देशों तक पहुंचा। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संत समागम, युवा सम्मेलन एवं समाज कल्याण सेवाओं का आयोजन निरन्तर किया जा रहा है। उनके अमूल्य योगदान के कारण ही इस मिशन को वैश्विक पहचान और कई पुरस्कार मिले हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी मिशन को सामाजिक एवं आर्थिक परिषद में सलाहकार के रूप में मान्यता दी है।

विश्व में सुख-शांति का वातावरण स्थापित करने के लिए दूरदर्शी बाबा हरदेवसिंह ने ‘सामंजस्यपूर्ण एकता’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तथा ‘एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ’ जैसे दिव्य संदेश दिये जिनमें निस्संदेह लोक कल्याण की भावना निहित है। इसके अलावा, उन्होंने आपसी प्रेम और एकता की भावना को मजबूत करने के लिए ‘दीवारों के बिना दुनिया’ की सुंदर अवधारणा की कल्पना की और उसे क्रियान्वित किया।

वर्तमान समय में सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज युगद्रष्टा बाबा हरदेवसिंह के उसी सच्चे संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे निरंकारी मिशन का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेकर अपना जीवन सार्थक बना रहा ह

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