Mahashivratri: आज यानी 8 मार्च को पूरे देश में महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भक्त महादेव का पूजन और उपवास रखते हैं।
इस खास दिन लोग भगवान भोलेनाथ को पूजा करने मंदिर जाते है और शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंद की चीजें भांग-धतूरा और आक के फूल चढ़ाए जाते है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित महाशिवरात्रि त्योहार मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे।
महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा मुहूर्त
खबरों की माने तो, इस वर्ष महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा मुहूर्त की शुरुआत 8 मार्च को शाम 6 बजकर 30 मिनट ले लेकर 9 मार्च की सुबह 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। हालांकि लोग महाशिवरात्रि का व्रत पारण अपनी मान्यता अनुसार करते हैं।
महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय
महाशिवरात्रि पर बेलवृक्ष के पास एक दीपक जरूर जलाएं। शिव महापुराण के अनुसार, बेल वृक्ष की जड़ में शिव का सांकेतिक निवास है, जिसे लिंगरूप कहा गया है। बेल वृक्ष के पास दीपक जलाने वालों के सभी पाप दूर होते हैं और उसे शिव लोक की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि मनाने का कारण
महाशिवरात्रि मनाने के पीछे 3 कथाएं प्रचलित है। पहली कथा के अनुसार इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महानिशीथ काल में भगवान भोलेनाथ करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे। एक अन्य कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन 64 स्थानों पर शिवलिंग प्रकट हुए थे, जिसमें से सिर्फ 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में पता है।