
Canada Elections: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार (29 अप्रैल) को मार्क कार्नी (Mark Carney) को कनाडा के आम चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी और दोनों देशों के बीच साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की इच्छा जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘X’ पर लिखा,
“कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर Mark Carney और लिबरल पार्टी को हार्दिक बधाई। भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के प्रति प्रतिबद्धता और जीवंत जनसंपर्क से जुड़े हैं। मैं हमारे लोगों के लिए अधिक अवसर सृजित करने और आपसी साझेदारी को मजबूत करने के लिए आपके साथ कार्य करने की आशा करता हूँ।”
ताजा चुनाव परिणामों के अनुसार, मंगलवार सुबह 3:15 बजे (ओटावा समयानुसार), मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी 167 सीटों पर आगे या जीत दर्ज कर चुकी थी, जबकि मुख्य विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी 145 सीटों पर थी। हालांकि 343 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता है, और लिबरल पार्टी उससे कुछ कम सीटों के साथ सरकार बना सकती है। इसका मतलब है कि कार्नी सरकार को बजट और अन्य विधायी कार्यों के लिए अन्य दलों के सहयोग की आवश्यकता होगी।
भारत-कनाडा संबंधों में बदलाव की उम्मीद
मार्क कार्नी के सत्ता में आने से नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंधों में एक नई शुरुआत की उम्मीद की जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में यह रिश्ता तनावपूर्ण हो गया था, जब कनाडा सरकार ने भारतीय एजेंसियों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
कार्नी, जो अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ इंग्लैंड और कनाडा के केंद्रीय बैंकों के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं, ने चुनाव से पहले संकेत दिए थे कि यदि उन्हें सत्ता मिली, तो वे भारत के साथ संबंधों को फिर से प्रगाढ़ बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा था,
“भारत-कनाडा संबंध कई स्तरों पर बेहद महत्वपूर्ण हैं — व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी। बहुत से कनाडाई नागरिकों के भारत से गहरे व्यक्तिगत संबंध हैं।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चुनाव पर रही नजर
कनाडा के चुनाव इस बार वैश्विक ध्यान का केंद्र भी बने रहे। खासकर तब, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडाई आयात पर शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी। ट्रंप द्वारा कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की विवादास्पद टिप्पणी भी चुनावी बहस में प्रमुख मुद्दा बनी रही।