नई दिल्ली। हाल ही में हुए अमेरिकी चुनावों में कमला हैरिस (Kamala Harriss) द्वारा हार स्वीकार करने के बाद भारतीय सोशल मीडिया पर एक नई बहस ने जोर पकड़ लिया है। इस बार चर्चा का केंद्र कमला हैरिस और उनके साथ आगामी उपराष्ट्रपति पद पर बैठे जे.डी. वांस की पत्नी उषा वांस (Usha Vance) के वंशावली पर है।
कमला हैरिस, जो तमिल ब्राह्मण परिवार से हैं, भारतीय-अमेरिकी समुदाय में काफी लोकप्रिय रही हैं। वहीं उषा वांस, जो तेलुगू कम्मा समुदाय से हैं, इस चुनाव में एक नई चर्चा का विषय बन गईं। जैसे ही उषा के पति ने उपराष्ट्रपति का पद जीता, भारतीय सोशल मीडिया पर मजाकिया और हल्की-फुल्की बहस शुरू हो गई, जिसमें लोग इसे तेलुगू बनाम तमिल के रूप में पेश कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मजाकिया मुकाबला
कुछ यूज़र्स ने चुनाव को लेकर इस नए विमर्श को बहुत ही हल्के-फुल्के तरीके से लिया। एक यूज़र ने मजाक करते हुए कहा, “तेलुगू बिट्टा उषा वांस ने तमिल कमला हैरिस को हरा दिया। 1956 के बाद तेलुगू समुदाय की एक और ऐतिहासिक जीत!” वहीं दूसरे यूज़र ने कहा, “कमला हैरिस तमिल ब्राह्मण हैं और उषा चिलुकुरी तेलुगू कम्मा हैं। यह चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ज्यादा IIT मद्रास के चुनाव जैसा लग रहा है।”
यह मजाकिया टिप्पणी दरअसल भारत के दो प्रमुख भाषाई समुदायों—तमिल और तेलुगू—के बीच एक हल्के प्रतिस्पर्धात्मक रवैये को दर्शाती है। तमिल और तेलुगू भाषी क्षेत्रों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा लंबे समय से चली आ रही है, और अब यह चुनावी परिणाम भी उसी से जुड़ गए हैं।
उषा वांस का पारिवारिक इतिहास
हालांकि उषा वांस अमेरिका में जन्मी हैं, लेकिन उनके परिवार की जड़ें आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव वदलुर से जुड़ी हुई हैं। उनका परिवार दशकों पहले भारत से अमेरिका आकर बस गया था, लेकिन वे अपनी जड़ों से जुड़ी संस्कृति को नहीं भूले। उनके पिता, चिलुकुरी राधाकृष्णन, तीन साल पहले अपने पैतृक गाँव वदलुर गए थे और वहाँ के मंदिरों का दौरा किया था, जिनका उनके परिवार ने कई वर्षों तक समर्थन किया है।
उषा और उनके परिवार की यह विरासत अब सोशल मीडिया पर एक नई चर्चा का हिस्सा बन गई है, जहां भारतीय यूज़र्स इसे हल्के-फुल्के तरीके से सियासी और सांस्कृतिक संदर्भ में जोड़ रहे हैं।