
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच वर्षों से चला आ रहा टकराव अब खुली जंग की दिशा में बढ़ता दिख रहा है। गुरुवार रात इज़रायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरानी जमीन पर बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें उसके परमाणु ठिकानों, मिसाइल संयंत्रों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया।
तेहरान और नतांज यूरेनियम संवर्धन केंद्र पर विस्फोटों की पुष्टि हुई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “इतिहास का निर्णायक क्षण” करार दिया।
“विशेष स्थिति” और मौत की आशंका
इज़रायली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने देश में ‘विशेष सैन्य स्थिति’ की घोषणा की है। वहीं, इज़रायली मीडिया चैनल 12 के मुताबिक, ईरान के सशस्त्र बल प्रमुख मोहम्मद बाघेरी समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की आशंका है, हालांकि ईरान ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
हमले की वजह क्या रही?
इज़रायली खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने इतनी मात्रा में यूरेनियम संवर्धित कर लिया है कि वह कुछ ही दिनों में लगभग 15 परमाणु बम तैयार कर सकता है। इज़रायल इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा मान रहा है और उसका कहना है कि कूटनीतिक प्रयास विफल हो चुके हैं।
ईरान ने आरोप लगाया है कि वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा और इज़रायल की यह कार्रवाई आक्रामकता और क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने की कोशिश है।
अमेरिका की भूमिका और नाराज़गी
हालांकि अमेरिका इज़रायल का पुराना सहयोगी है, लेकिन उसने इस कार्रवाई से खुद को अलग बताया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, “इज़रायल ने यह कार्रवाई अकेले की है। हमारा इस हमले में कोई हाथ नहीं है।”
हालांकि अमेरिका ने हमले से पहले ही इराक, जॉर्डन और खाड़ी क्षेत्र से अपने गैर-जरूरी कर्मचारियों को हटा लिया था और सैन्य परिसंपत्तियों को फिर से तैनात किया था।
संघर्ष के 5 बड़े वैश्विक प्रभाव
1. कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल
इज़रायली हमले के बाद शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में 9% की बढ़ोतरी देखी गई। ब्रेंट क्रूड की कीमत $78 प्रति बैरल के पार चली गई – जो पिछले पांच महीनों का उच्चतम स्तर है।
ईरान प्रतिदिन 3.3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है और करीब 1.5 मिलियन बैरल निर्यात करता है, जिसमें चीन और तुर्की मुख्य आयातक हैं। साथ ही, स्ट्रेट ऑफ हॉरमुज़ जैसे महत्वपूर्ण मार्ग के उत्तरी किनारे पर स्थित होने के कारण वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति भी खतरे में है।
2. हवाई क्षेत्र बंद, उड़ानों पर असर
इज़रायली हमले के बाद फ्लाइटरडार24 पर दिखा कि ईरानी हवाई क्षेत्र पूरी तरह खाली हो गया। विमान यूरोप से एशिया की ओर जाने के लिए ईरान से होकर न जाकर उसके दोनों ओर से घूमते दिखे। एयर इंडिया की मुंबई-लंदन फ्लाइट को तीन घंटे की उड़ान के बाद वापस लौटना पड़ा।
3. एविएशन सेक्टर में व्यवधान
ईरान और इज़रायल द्वारा अपने-अपने हवाई क्षेत्र बंद किए जाने के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की लागत, समय और संचालन पर गहरा असर पड़ा है। इससे कई एयरलाइनों की उड़ानें या तो डायवर्ट की गईं या रद्द करनी पड़ीं, जिससे वैश्विक एविएशन में अस्थिरता पैदा हुई।
4. अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता ठप
हमले के बाद ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को “बेमानी” करार दिया। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “जब अमेरिका इज़रायल को हमले की छूट देता है, तो बातचीत का कोई औचित्य नहीं रह जाता।”
5. पश्चिम एशिया में कई मोर्चे सक्रिय
गाज़ा में 7 अक्टूबर के हमले से शुरू हुई हिंसा अब लेबनान, यमन और सीरिया तक फैल चुकी है। इज़रायल ने ईरान समर्थित हिज़्बुल्ला और हूथियों पर हमले किए हैं। सऊदी अरब ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।
सीरिया और जॉर्डन में ईरानी मिसाइलों के टुकड़े गिरे हैं और इन देशों ने अपने फाइटर जेट्स तैनात कर दिए हैं। अमेरिका ने भी बताया कि वह कुछ ईरानी मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में शामिल रहा है।