गूगल (Google) के सह-संस्थापक सर्गेई ब्रिन (Sergey Brin) ने अपने कर्मचारियों से सप्ताह में कम से कम 60 घंटे ऑफिस में काम करने का सुझाव दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब गूगल को ओपनएआई, मेटा, एलन मस्क की xAI और चीन की डीपसीक जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
ऑफिस में अधिक समय देने की सलाह
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिन ने 26 फरवरी को कंपनी के आंतरिक संचार मंच पर एक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं कर्मचारियों को सप्ताह के प्रत्येक कार्यदिवस पर ऑफिस आने की सिफारिश करता हूं।” उन्होंने जोर देते हुए लिखा, “60 घंटे का कार्य सप्ताह उत्पादकता के लिए सबसे उपयुक्त समय सीमा है।” ब्रिन ने एआई के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को लेकर कहा, “प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो गई है, और अब आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) की दौड़ अपने चरम पर है।”
उन्होंने कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए कहा, “हमारे पास इस दौड़ को जीतने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, लेकिन हमें अपनी मेहनत और प्रयासों को और तेज़ करना होगा।” अगर इस सुझाव को लागू किया जाता है, तो कर्मचारियों को सप्ताह के पांचों कार्यदिवस 12 घंटे तक ऑफिस में काम करना होगा।
कम मेहनत करने वालों पर नाराज़गी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ब्रिन ने कुछ कर्मचारियों को लेकर असंतोष व्यक्त किया।
उन्होंने लिखा, “कुछ लोग 60 घंटे से कम काम कर रहे हैं, और कुछ तो केवल न्यूनतम प्रयास कर रहे हैं। इस तरह के कर्मचारी न केवल कम उत्पादक होते हैं, बल्कि वे अन्य टीम के सदस्यों के मनोबल को भी प्रभावित कर सकते हैं।”
गूगल की एआई प्रतिस्पर्धा में मजबूती बनाए रखने की कोशिश
2022 में चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद से सिलिकॉन वैली में एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है। गूगल लगातार अपनी AI नेतृत्वकारी स्थिति को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिन के इस संदेश को गूगल की आधिकारिक वर्क-फ्रॉम-ऑफिस नीति में बदलाव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। वर्तमान में गूगल की नीति के अनुसार, कर्मचारियों को कम से कम तीन दिन ऑफिस में काम करना अनिवार्य है।
ब्रिन की गूगल में सक्रिय भूमिका जारी
सर्गेई ब्रिन ने 2019 में गूगल के नेतृत्व से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वह अब भी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं और एआई परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कर्मचारियों से अधिक काम की मांग पर बढ़ता विवाद
हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने भी 90 घंटे के वर्क वीक का सुझाव देकर बहस छेड़ दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि संभव होता तो वे अपने कर्मचारियों से रविवार को भी काम करवाते।
उन्होंने यह विवादास्पद बयान दिया, “आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं?” और सुझाव दिया कि कर्मचारियों को ऑफिस में अधिक समय देना चाहिए।
क्या प्रतिस्पर्धा के दबाव में कंपनियां कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार डाल रही हैं? यह एक महत्वपूर्ण सवाल बन गया है, जिस पर अब वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है।