नई दिल्ली। घटती आबादी के साथ अब जापान के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। साल 2022 में हुई जनगणना के मुताबिक जापान की आबादी मात्र 12 करोड़ 54 लाख बची है, यानी इसकी आबादी पहले की तुलना में करीब 8 लाख कम हो गई है। इतना ही नहीं, Japan का पॉपूलेशन पिरामिड भी काफी बदल चुका है। इन सभी परेशानियों के बीच एक नई समस्या यह सामने आई है कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार जापान में करीब 90 लाख घर खाली पड़े हैं।
यह वहां के कुल घरों का 14 फीसदी है, यानी वहां के कुल घरों में से 14 प्रतिशत घर खाली पड़े हैं। जी हां, जापान में लगभग हर आठ घरों में एक घर खाली पड़ा है। इसे आप चाहें तो ऐसे समझ सकते हैं कि यहां खाली घरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अहमदाबाद में रहने वाले हर व्यक्ति को यहां घर दिया जा सकता है। जापान में इन खाली घरों को ‘अकिया’ कहा जाता है।
सरकार ने अपनाया सख्त रुख
अब सरकार ने इस बारे में सख्त रुख अपनाना शुरू किया है और लंबे समय से खाली पड़े घर, जिनकी हालात ज्यादा अच्छी नहीं है, उनके मालिकों से कह रही है कि या तो घरों को रेनोवेट कराए या उसे जमींदोज कर दे। वहां की सरकार ने खाली पड़े घरों पर टैक्स छूट को कम करने का भी फैसला लिया है।