
राजसमन्द (Rajsamand) ”अहिंसा परमो धर्मः“ के उद्घोष के साथ अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस और शास्त्री जयंती पर गांधी सेवा सदन में ‘सर्वधर्म प्रार्थना सभा’ एवं ‘वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह’ का समारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन ”वैष्णव जन तो तेने कहिए..“ की मधुर स्वर लहरी के साथ हुआ। विद्या त्रिपाठी ने श्रीमद् भागवत गीता, अमान शाह ने कुरान, कंचन कौर ने गुरु ग्रंथ साहिब, डिम्पल कर्णावट ने नवकार मंत्र, अलविना ने बाइबिल पाठ कर सांप्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता का संदेश दिया, वहीं श्रुति रांदेड़ ने ”सबसे ऊंची प्रेम सगाई..“ फूली श्रीमाली ने ”पायोजी मैंने राम रतन धन पायो..“ सीता सालवी ने रामायण की चैपाइयों का संगान कर प्रेम, सत्य, अहिंसा जैसे विराट मानवीय मूल्यों से अभिसिक्त आध्यात्मिक भारतीय दर्शन को साकार किया। संस्था मंत्री डॉ महेन्द्र कर्णावट ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और यषस्वी प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के अविस्मरणीय जीवन प्रसंगों को साझा करते हुए कहा कि ‘‘गांधी एवं शास्त्री जी सरलता, सादगी और राष्ट्र प्रेम की अद्वितीय मशाल है। गांधी दर्षन भारत की अमूल्य विरासत है उनकी कथनी और करनी की समानता ही राष्ट्र की प्रेरणा रही है। बापू का मानना था स्वच्छता स्वतंत्रता से भी अधिक जरूरी है क्योंकि स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है इसलिए गांधीजी स्वयं शौचालय की सफाई करते थे एवं उनके अनुयाई भी उनका अनुसरण करते थे‘‘। वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में चावली चैधरी ने ”बुजुर्गों की बुजुर्गियत एहसासों की गागर है हृदय में लहराता उनके वात्सल्य का सागर है“ कविता का संगान कर वृद्ध जनों का साथ, स्नेह और सम्मान देने की गुजारिश की। अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर, एवं उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता और गांधी सेवा सदन के पदाधिकारी ललित बड़ोला, मधुसूदन व्यास, गणपत धर्मावत, डूंगरसिंह कणार्वट ने साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, कला एवं सामाजिक क्षेत्र में, अप्रतिम योगदान देने वाले 12 वरिष्ठ नागरिकों नर्मदा बाई श्रीमाली, मीठालाल मादरेचा, असगर अली बोहरा, डॉ मदन लाल सोनी, चुन्नीलाल कुम्हार, डॉक्टर सुखलाल जैन, कालू हसन शाह, भंवरलाल पालीवाल, गिरिजा शंकर पालीवाल, डॉ. सी.एल डूंगरवाल, मोहनलाल गुर्जर, किशन कबीरा को सम्मान पट्टिका एवं शाॅल भेंट कर सम्मानित किया। वरिष्ठजन उद्बोधन में मोहनलाल गुर्जर ने ”गुरूवर ऐसा वर दो अन्तरतम में ज्योति भरो मेरा मन ज्योर्तिमय कर दो..“ गीत का संगान कर मानव जीवन के षिल्पकार गुरू की वंदना प्रस्तुत की, वहीं किशन कबीरा ने ”यहां कोई नहीं चाहता सर्वहित भाव से समर्पित हो जाना..“ कविता का पाठ कर राष्ट्र के हित में गांधी की तरह समर्पित हो जाने का संदेश दिया। भंवरलाल पालीवाल ने कहा कि पण्डित रामषर्मा आचार्य एवं आचार्य तुलसी महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने समाज को सही दिषा दी और महात्मा गांधी ऐसे महानायक थे जो सदियों से पैदा होते है।” डाॅ. सुखलाल जैन ने अतीत की अमूल्य स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि आज मेरा मन बहुत गद्गद है, गांधी दर्षन मानव जीवन के लिए अमूल्य थाती है जिसे हमें सहेजकर रखना चाहिए। संस्थान पदाधिकारियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर, एवं उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता ,को शाल्यार्पण कर सम्मान किया। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम गोड ,एवं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बिहारी लाल, एवं प्रारंभिक गिरिजा शंकर मिश्रा एवं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शिवकुमार व्यास, के साथ डूंगरसिंह कर्णावट, राजकुमार दक, दिनेश श्रीमाली, डिंपल कर्णावट, धनेंद्र मेहता, जीतमल कच्छारा, अफजल खान ‘अफजल’ चतुर कोठारी, आशिक हुसैन बोहरा, मदन धोका, गिरिराज गर्ग, योगेश उपाध्याय, ज्योत्सना पोखरना, मोहम्मद शरीफ शाह, पीरदान चारण, महेन्द्र टेलर, फिरोज खान, वरिष्ठ नागरिकगण, स्काउट प्रतिनिधि, मीडिया बंधु एवं गांधी सेवा सदन बाल परिवार की उपस्थिति रही। ”रामधुन: रघुपति राघव राजा राम…“ के समवेत मधुर स्वर लहरी से सर्वधर्म प्रार्थना सभा का समापन हुआ।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत