
War 2 Review: यशराज फिल्म्स के स्पाई यूनिवर्स में एक और धमाका—वॉर 2। इस बार निर्देशक अयान मुखर्जी ने पहली बार ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर को एक साथ पर्दे पर उतारा है, साथ में कियारा आडवाणी। रिलीज़ के साथ ही सोशल मीडिया पर #War2 ट्रेंड करने लगा, और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं—किसी ने इसे ब्लॉकबस्टर करार दिया, तो किसी ने स्टाइल-ओवर-सब्स्टेंस का आरोप लगाया।
कहानी की परतें
कबीर (ऋतिक रोशन) अब शक के घेरे में है—क्या वह वाकई दुश्मनों के साथ है? R&AW एजेंट विक्रम (जूनियर एनटीआर) को उसे वापस लाने का मिशन दिया जाता है। इसी बीच सामने आती है ‘काली’—दुनिया भर के ताकतवर नेताओं और बिज़नेसमैन का एक गुप्त क्लब, जो भारत के प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच रहा है। कर्नल लूथरा की बेटी काव्या (कियारा आडवाणी) पिता की मौत का बदला लेने के लिए मैदान में है। लेकिन सच उतना सीधा नहीं जितना दिखता है।
लोकेशंस की बात करें तो फिल्म हमें एम्स्टर्डम, मनाली, वेलेंसिया, यास आइलैंड और दावोस की सैर कराती है—बजट का असर स्क्रीन पर साफ दिखता है।
पहला हाफ – धमाकेदार एंट्रीज़, औसत कहानी
फिल्म की शुरुआत दोनों हीरो की ग्रैंड एंट्री से होती है—स्लो मोशन शॉट्स, बैकग्राउंड म्यूजिक और फैंस के लिए ‘सीटी मारो’ मोमेंट्स। ऋतिक अपनी करिश्माई स्क्रीन प्रेज़ेंस और फिजिकल फिटनेस से छा जाते हैं, वहीं जूनियर एनटीआर अपने इंटेंस लुक और स्क्रीन एनर्जी से ध्यान खींचते हैं। कुछ फैंस के मुताबिक, प्री-इंटरवल ब्लॉक और क्लाइमैक्स फिल्म का सबसे मज़बूत हिस्सा है।
दूसरा हाफ – ट्विस्ट है, पर असर नहीं
इंटरवल के बाद बैकस्टोरी और इमोशनल एंगल आते हैं, मगर स्क्रिप्ट में वो धार नहीं जो दिल थाम दे। कियारा का रोल आधे में गायब सा हो जाता है, और बार-बार दोहराए गए एक्शन-चेज़ सीन्स थकान पैदा करते हैं।
दर्शकों की राय – प्यार भी, तंज भी
कई फैंस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि फिल्म “पूरी तरह पैसावसूल, एक पल भी बोरियत नहीं” है, जबकि कुछ ने इसे “दिल से जुड़ा हुआ, सिर्फ स्पाई एक्शन नहीं बल्कि इमोशनल कनेक्ट वाला” बताया।
दूसरी तरफ, कुछ दर्शकों को VFX और स्क्रिप्ट पर निराशा हुई—किसी ने जूनियर एनटीआर के इंट्रो सीन को “कमज़ोर” बताया, तो किसी ने इसे “फॉर्मूला-आधारित” फिल्म करार दिया।
तकनीकी पहलू और संगीत
एक्शन सीक्वेंस हाई-ऑक्टेन हैं, और दोनों हीरो इन्हें ऊंचाई पर ले जाते हैं। मगर म्यूजिक में वो पकड़ नहीं—‘आवन जावन’ सुनने में अच्छा है, लेकिन ‘जनाब-ए-अली’ फ्लैट पड़ जाता है। पिछली ‘वॉर’ का ‘जय जय शिवशंकर’ वाला जोश इस बार गायब है।
अंतिम फैसला
वॉर 2 में स्टार पावर, इंटरनेशनल लोकेशन और बड़े पैमाने का एक्शन है—फैंस के लिए कई हाई-पॉइंट्स भी हैं। लेकिन कहानी और इमोशनल इंपैक्ट में यह अपने प्रीक्वल जितना असर छोड़ने में चूक जाती है। हां, मिड-क्रेडिट सीन जरूर अगली कड़ी के लिए उत्सुकता जगाता है।