Faissal Khan ने वर्षों से चले आ रहे पारिवारिक मतभेद और दर्दनाक अलगाव पर पहली बार खुलकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसल ने न सिर्फ़ अपने संघर्षों का ज़िक्र किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि अब वे अपनी शर्तों पर आज़ादी और सम्मान के साथ जीना चाहते हैं।
फैसल ने बताया कि लंबे समय तक उन्होंने खामोशी और अकेलेपन का बोझ झेला। परिवार से दूर रहने की स्थिति ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक तौर पर गहराई तक प्रभावित किया। उन्होंने कहा – “अपने परिवार से अलग होना सिर्फ़ व्यक्तिगत क्षति नहीं थी, बल्कि एक भावनात्मक तूफ़ान था जिसने मुझे आत्म-संदेह और अकेलेपन से जूझने पर मजबूर किया।”
हालांकि इस दर्द ने उन्हें टूटने के बजाय मज़बूत बनाया। फैसल ने कहा कि अब वे अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जीने के लिए संकल्पित हैं। उनके अनुसार – “यह विद्रोह नहीं, बल्कि अस्तित्व और आत्म-सम्मान की लड़ाई है। मैं सिर्फ़ आज़ादी, सम्मान और अपनी पहचान वापस पाना चाहता हूँ।”
इस खुलासे के साथ ही फैसल खान की निजी ज़िंदगी का एक अनकहा पहलू सामने आया है, जिसने उनके वर्षों के संघर्ष और आत्मनिर्भरता की कहानी को नए सिरे से परिभाषित कर दिया है।