पेटीएम पर एक्शन के बाद रिजर्व बैंक ने कार्ड पेमेंट गेटवे Visa, Master Card, Amex और Diners को बड़ा झटका दिया है. RBI ने हाल ही में कंपनियों द्वारा कमर्शियल कार्ड के इस्तेमाल से वेंडर को दी जाने वाली पेमेंट पर रोक लगा दी है। हालांकि रिजर्व बैंक ने ये रोक क्यों लगाई है, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ने पाया है कि इन कंपनियों के कार्ड से ऐसे व्यापारियों को पेमेंट किया जा रहा था, जिनका केवाईसी नहीं है, लेकिन फिर भी पेमेंट कार्ड के जरिए लेते हैं।
इसके बाद कुछ फिनटेक को ऐसे ट्रांजेक्शन को सस्पेंड करने के बारे में विचार करना पड़ेगा. दरअसल, क्रेड, पेटीएम और नोब्रोकर जैसे ऐप ग्राहकों को कार्ड के जरिये किराये का भुगतान करने की सुविधा देते हैं। आमतौर पर व्यवसाय नेट बैंकिंग या आरबीआई की तरफ से बल्क ट्रांसफर जैसे आरटीजीएस (RTGS) के जरिये भुगतान करते हैं।
फिनटेक और कार्ड नेटवर्क को छोड़कर जिन्होंने कार्ड के जरिये बिजनेस वेंडर को पेमेंट करने का प्रोसेस डेवलप किया है।इस सेक्टर में कार्ड भुगतान का आमतौर पर उपयोग नहीं किया जाता है. एनकैश और पेमेट जैसे फिनटेक वेंडर और सप्लायर पेमेंट जैसी बिजनेस नीड को ध्यान में रखकर पेमेंट की सुविधा देते हैं.
फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का शक
आरबीआई को कुछ बड़े ट्रांजेक्शंस पर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का शक भी है. बता दें कि ऐसी ही आरोपों के कारण पेटीएम पर भी बैंक के द्वारा कार्रवाई की गई है. पेटीएम बैंक के लेनदेन को एक मार्च से रोक दिया गया है. फिलहाल यूपीआई पेमेंट प्लेटफॉर्म ईडी के जांच का सामना कर रही है.
RBI ने क्यों लगाई रोक
आरबीआई के कदम उठाने के पीछे ऐसा माना जा रहा है कि रेग्युलेटर केवाईसी का पालन नहीं करने वाले छोटे कारोबारियों के जरिये होने वाले ट्रांजेक्शन को लेकर चिंतित है। एक फिनटेक स्टार्टअप के फाउंडर ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इस सेक्टर में काम करने वाले फिनटेक को अगले आदेश तक कमर्शियल कार्ड के जरिये किये गए बिजनेस पेमेंट को रोकने का आदेश दिया गया है। इस कदम के बाद किराये और ट्यूशन का पेमेंट पर असर पड़ सकता है।