वाणी उत्सव 2025, 29-30 मार्च को, लाखों के पुरस्कार और कलाकारों को भेंट

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बाड़मेर। राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक संगीत परंपरा को संरक्षित करने के लिए ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान और रुमादेवी फाउंडेशन द्वारा शनिवार और रविवार (29 व 30 मार्च 2025) को वाणी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन उत्सव में भाग लेने वाले कलाकारों को दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार के तहत लाखों रुपये के पुरस्कार और वाद्य यंत्र भेंट किए जाएंगे।

फाउंडेशन की निदेशक सामाजिक कार्यकर्ता रूमा देवी ने बताया कि मारवाड़ की वीणा भजन गायन परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन बदलते समय और आधुनिकता के प्रभाव के चलते यह लुप्त होने के कगार पर है। नई पीढ़ी धीरे-धीरे पारंपरिक संगीत से विमुख होती जा रही है, जिससे इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है। वाणी उत्सव का मुख्य उद्देश्य भक्तिकाल के पूर्व से चली आ रही इस विलुप्त होती परंपरा को संरक्षित करना, वाणी गायको को मंच प्रदान करना और युवा पीढ़ी को कबीर मीरा गोरख डूंगरपुरी जैसे संतो के अनुभवो से परिचय करवाकर वीणा पर वाणी गायन को पुनर्जीवित करना है।

दानजी की स्मृति में दिया जाता है यह प्रतिष्ठित पुरस्कार

दान सिंह राजस्थान के प्रसिद्ध वीणा भजन कलाकार थे, जिन्होंने अपनी संगीत यात्रा मात्र 15 वर्ष की उम्र में शुरू की और लगभग 85 वर्ष तक अपने सुरों से लोगों को मंत्रमुग्ध करते रहे। उनकी वीणा से निकली धुनें न केवल भक्ति और अध्यात्म से ओत-प्रोत थीं, बल्कि वे वीणा गायन परंपरा के जीवंत प्रतीक भी थे।

उनके अतुलनीय योगदान को अमर बनाने के लिए दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार की स्थापना की गई, जो आज लोक कलाकारों के लिए संगीत क्षेत्र में प्रतिष्ठा और सम्मान का प्रतीक बन चुका है। इस पुरस्कार का उद्देश्य न केवल वीणा भजन परंपरा को संरक्षित करना है, बल्कि उन कलाकारों को मंच प्रदान करना है जो इस विधा को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।

इस बार युवा भजनी महोत्सव भी होगा विशेष आकर्षण

संस्थान के सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि इस वर्ष वाणी उत्सव के साथ युवा भजनी महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा। इसके तहत युवा गायक कलाकार क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जाकर वाणी गायन करेंगे, जिससे न केवल इस परंपरा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय और पर्यटकों को भी राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष वाणी उत्सव में 500 से अधिक वीणा भजन कलाकारों को मंच और पहचान मिली थी। इस उत्सव में राजस्थान ही नहीं, बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से भी वीणा गायक कलाकार भाग लेने के लिए आए थे। इस वर्ष आयोजन को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने और इस परंपरा को आगे बढ़ाने का अवसर मिल सके।

पांच श्रेणियों में छह कलाकारों को मिलेगा सम्मान

दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार पांच श्रेणियों में कुल छह कलाकारों को प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक चयनित कलाकार को ₹25,000 नकद, प्रशस्ति पत्र, शॉल और श्रीफल ससम्मान प्रदान किया जाएगा। नवोदित कलाकार श्रेणी उन युवा प्रतिभाओं के लिए होगी, जिनकी आयु 20 वर्ष तक है और जिन्होंने भजनी परंपरा में उल्लेखनीय कौशल प्रदर्शित किया है। युवा कलाकार श्रेणी 21 से 45 वर्ष तक के उन प्रतिभाशाली कलाकारों को समर्पित होगी, जो अपने गायन और साधना से इस विधा को समृद्ध बना रहे हैं।

वरिष्ठ कलाकार श्रेणी 46 वर्ष से अधिक आयु के अनुभवी कलाकारों के लिए होगी, जिन्होंने अपने जीवनकाल में इस परंपरा को जीवंत बनाए रखा है। इस श्रेणी में इस वर्ष दो व्यक्तियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। विशेष सम्मान श्रेणी उन व्यक्तियों, संस्थानों या संगठनों के लिए होगी, जिन्होंने वीणा भजन परंपरा के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सोशल मीडिया प्रचार श्रेणी इस वर्ष एक नई श्रेणी के रूप में जोड़ी गई है, जिसमें वीणा भजनों को डिजिटल माध्यमों से प्रचारित करने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, उन समर्पित कलाकारों को लाखों रुपये मूल्य के वीणा वाद्ययंत्र भेंट किए जाएंगे, बाड़मेर- एक हजार साल पुरानी लोक संगीत की एक अद्भुत परंपरा है वाणी गायन। जिसमें आध्यात्मिक रहस्यो के साथ सामाजिक समरसता का संदेश समाज को मिलता आया है उनी संदेशो को सुनने व गाने देश भर से सैकङो वाणी गायक बाङमेर में जुट रहे हैं।

आगामी 29 व 30 मार्च को रूमा देवी फाउंडेशन व ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले दो दिवसीय वाणी उत्सव 2025 व स्वर्गीय दान सिंह जी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार में सैकङो भजन गायक व संगीत प्रेमी अपना पंजीयन करवा चुके है। यह कार्यक्रम बाड़मेर के हवेली रिसॉर्ट में आयोजित होगा।वाणी उत्सव से पूर्व चयनित ऐतिहासिक स्थलो पर युवा भजनीयों के विशेष कार्यक्रम भी होगें।

वीणा गायन के साथ इस बार हरजस गायन को भी मिलेगा मंच

वीणा गायन जैसी अनूठी परंपरा के सरंक्षण के लिए रूमा देवी फाउंडेशन स्वर्गीय दान सिंह जी की स्मृति में यह आयोजन पिछले 4 वर्षों से करवा रहा हैं लेकिन इस बार वीणा गायन के साथ साथ माताओं बहनों के लिए हरजस गायन को भी मंच प्रदान किया जाएगा जो इस पारंपरिक महोत्सव को और अधिक यादगार बनाएगा।

रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल

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